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पीएम मोदी के बयान पर गहलोत का पलटवारः कहा- हमारी योजनाएं चुनावी नहीं, परमानेंट हैं - केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत

बाड़मेर में शुक्रवार को जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने पीएम मोदी की 'दिवालिया' वाले बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि राज्य की योजनाएं चुनावी नहीं हैं, परमानेंट हैं.

CM Gehlot hits back at PM Modi over schemes, says these are not till elections but permanent
पीएम मोदी के बयान पर गहलोत का पलटवारः कहा-हमारी योजनाएं चुनावी नहीं, परमानेंट हैं

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Published : Jun 2, 2023, 9:00 PM IST

गहलोत ने पीएम मोदी के बयान पर किया पलटवार

बाड़मेर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अजमेर में दिए गए एक बयान पर बाड़मेर दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पलटवार करते हुए उन पर निशाना साधा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने संजीवनी मामले में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को भी आड़े हाथ लेते हुए जमकर जुबानी हमला किया.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाड़मेर में जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में 25 लाख रुपए तक के निःशुल्क इलाज से लेकर न्यूनतम 1000 रुपए सामाजिक सुरक्षा पेंशन सहित अन्य योजनाओं से प्रदेशवासियों को आर्थिक और सामाजिक संबल मिल रहा है. सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राइट टू सोशल सिक्योरिटी का अधिकार का कानून पास करने की मांग भी रखी.

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ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करेंःगहलोत ने कहा कि 13 जिलों की ईआरसीपी (पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना) योजना है. जिसे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं कर रहे हैं. हम लगातार बना रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने पिछले चुनाव में वादा किया था, अब उस वादे से क्यों मुकर रहे हैं. गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री दो दिन पहले उसी जगह अजमेर आए थे, जहां 2013 में उन्होंने वादा किया था. हमें उम्मीद थी कि ईआरसीपी योजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करेंगे. गहलोत ने प्रधानमंत्री को जिद्दी बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने अपनी सभाओं में ईआरसीपी को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण रखने की बात कही थी. प्रधानमंत्री ने 13 जिलों के नाम लिए थे क्योंकि तब उन्हें वोट लेने थे.

हमारी योजनाएं चुनावी नहीं बल्कि परमानेंटः गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर में कहा कि राजस्थान में जैसी स्कीमें बनी हैं, वैसी देश में बने, तो देश दिवालिया हो जाए. गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि आप रेवड़ियां मध्यप्रदेश, यूपी में बांटते फिर रहे हो. सीएम ने कहा कि हमारी स्कीमें चुनाव तक की नहीं बल्कि परमानेंट हैं. स्वास्थ्य बीमा राशि 25 से 30 लाख होगी, कम नहीं करेंगे. हमने राइट टू हेल्थ बिल विधानसभा में पास किया है.

प्रधानमंत्री मोदी पर गहलोत का पटलवारः गहलोत ने कहा कि कर्जा लेकर दुनियाभर में सरकारें चलती हैं. वित्तीय प्रबंधन होता है. जब 2014 में मोदी प्रधानमंत्री बनकर आए थे, तब देश पर 55 लाख करोड़ का कर्ज था. अब वह 155 लाख करोड़ का हो गया है. आप कैसे कर्जा ले रहे हो. सीएम गहलोत ने कहा कि बिना भारत सरकार की अनुमति के कोई राज्य कर्जा नहीं ले सकता है. भारत सरकार अनुमति तभी देती है, जब राज्य उसके पैरामीटर पर खरे उतरते हैं.

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मंत्री को जेल जाने का डरः संजीवनी मामले पर बोलते हुए गहलोत ने कहा कि संजीवनी मामले में सबसे ज्यादा लोग बाड़मेर के दुखी हैं. संजीवनी में दो-ढाई लाख परिवार बर्बाद हो गए. तीन बार मेरे पास आए. उन्होंने अपने किस्से सुनाए, मैं खुद भावुक हो गया. गहलोत ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पानी का मंत्रालय दिया है और यह मंत्री इतने बड़े गबन में नाम आ गया और इसके साथी जेल बैठे हैं. मंत्री को डर सता रहा है कि मुझे कहीं जेल नहीं हो जाए. इस डर से हाईकोर्ट में जाकर जमानत ली है.

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हाईकोर्ट से जमानत लेने की क्यों पड़ी जरूरत: अगर केंद्रीय मंत्री ईमानदार हैं, तो हाईकोर्ट से जमानत लेने की जरूरत क्यों पड़ी. सीएम गहलोत ने कहा कि उन्होंने मुझ पर दिल्ली में मानहानि का केस कर दिया. मैंने क्या मानहानि कर दी. गहलोत ने कहा कि मैं ढाई लाख लोगों की आवाज बनकर बोल रहा हूं. गरीबों का पैसा वापस दिलाओ, इसमें मैं क्या गलत कर रहा हूं. इनके इथोपिया और आस्ट्रेलिया पता नहीं कहां-कहां पर फॉर्म हाउस हैं. मंत्री खुलकर क्यूं नहीं बोल रहे हैं. राजस्थान भर के लोगों के पैसे डूबे हुए हैं.

राजस्थान दिवालिया होने वाला नहीं हैःप्रधानमंत्री का नाम लेते हुए गहलोत ने कहा कि राजस्थान दिवालिया नहीं होगा. आपके मंत्रियों के दिमाग का दिवालियापन निकल गया है, उसको ठीक करो. ठीक करके उनको समझाओ कि मंत्री रहना है तो संजीवनी वाला मामला निपटाओ. सीएम गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री को धमकी देकर कहना चाहिए कि मैं मंत्री पद से बर्खास्त कर दूंगा या फिर मंत्री को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिए और कहना चाहिए कि मैंने गलती कर दी है.

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