बाड़मेर.जिले के बायतू में अकदड़ा की सीनियर सैकेंडरी स्कूल के बच्चों ने सड़क पर जमकर बवाल किया. स्कूल के गेट पर ताला जड़कर बच्चों ने पर्चा चिपका दिया था, जिसमें हेडमास्टर के स्थानांतर का विरोध करने का संदेश था. हालांकि कोरोना संक्रमण के खतरे के मद्देनजर इतनी बड़ी तादाद में इकट्ठा हुए बच्चों को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.
सड़क रोक कर बैठे छात्र, कोरोना गाइड लाइन की उड़ी धज्जियां बता दें कि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अकदड़ा के प्रधानाचार्य के स्थानांतरण को लेकर विद्यार्थी गुस्सा हैं. अकदड़ा प्रधानाचार्य जालम सिंह सारण का सेड़वा ब्लॉक में स्थानांतरण हो गया है. बच्चों के साथ उनके अभिभावकों ने भी ट्रांसफर का विरोध किया. साथ ही अकदड़ा से बायतु जाने वाली सड़क को जाम कर दिया. सैंकड़ों स्कूली बच्चे सड़क पर ही बैठ गए.
अभिभावकों का आरोप है कि राजनीतिक कारणों के चलते हेडमास्टर जालम सिंह का ट्रांसफर किया गया है. स्कूल के बच्चे और अभिभावक ट्रांसफर को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं. स्कूल के छात्रों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और धरना दिया. बच्चों ने प्रधानाचार्य का स्थानांतरण रद्द नहीं होने तक अनिश्चितकालीन धरना देने की चेतावनी दी है और साथ ही बायतु उपखंड मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करने की बात कह रहे हैं.
बच्चों ने लगाया स्कूल के गेट पर पर्चा बाल आंदोलन की सूचना पर बायतु तहसीलदार सज्जन चौधरी को मौके पर पहुंचना पड़ा. छात्रों ने प्रधानाचार्य का स्थानांतरण निरस्त करने का ज्ञापन दिया. तहसीलदार ने छात्रों और ग्रामीणों को समझाकर स्कूल का ताला खुलवाया.
हेडमास्टर के अच्छे स्वभाव और मैनेजमेंट की तारीफ
बता दें कि हेडमास्टर जालम सिंह दो साल पहले इस स्कूल में आए थे. उन्होंने स्कूल के लिए कई काम किए. स्कूल मैनेजमेंट को ठीक किया और शिक्षा का स्तर उठाने की भरसक कोशिश की. उनके प्रयासों की बदौलत स्कूल का कायाकल्प हुआ. पढ़ाई का स्तर सुधरा. ऐसे में हेडमास्टर ने स्कूल के छात्रों और अभिभावकों के मन में अहम स्थान बना लिया. अब छात्रों के साथ साथ ग्रामीण भी जालम सिंह के ट्रांसफर का विरोध कर रहे हैं.
प्रतापगढ़ में भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा की चेतावनी
प्रतापगढ़ के पीजी कॉलेज में नियमित कक्षाएं नहीं लगने और पुस्तकालय बंद होने से विद्यार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा की ओर से आंदोलन की चेतावनी दी गई है. जिले के एकमात्र राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों को भटकना पड़ रहा है.
कॉलेज में पढ़ाई सुचारू नहीं होने पर छात्रों में आक्रोश कोरोना महामारी के कारण लंबे अरसे से बंद कॉलेज को प्रशासन ने 18 जनवरी से कॉलेज खोलने की घोषणा की लेकिन कक्षाएं प्रारंभ नहीं की. भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा से जुड़े विद्यार्थी सुनील मीणा ने बताया कि कॉलेज प्रशासन हर बार कक्षाएं शुरू होने की नई तारीख बताता है. पुस्तकालय पर भी ताला लटका हुआ है. विद्यार्थियों की कोई सुनवाई भी नहीं हो रही है. अब 8 फरवरी से कक्षाएं शुरू करने की बात कही जा रही है. ग्रामीण इलाकों से आने वाले आदिवासी विद्यार्थी परेशान हैं.