बाड़मेर. कोरोना महामारी के दौर में प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में वर्ष 2018 के एएनएम और जीएनएम के नौ हजार अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का फैसला किया है.
वहीं गहलोत सरकार द्वारा वर्ष 2013 में निकाली गई नर्सिंग भर्ती में एएनएम के 6 हजार 719 और जीएनएम के 4 हजार 514 पदों पर वंचित रहे अभ्यर्थी प्रदेश के मुखिया से पिछले 7 वर्षों से नौकरी पाने की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन अब तक उन्हे निराशा ही हाथ लगी है. ऐसे में वंचित रहे अभ्यर्थी लगातार ज्ञापन के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करवा रहे हैं.
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इसी कड़ी में बाड़मेर में नर्सिंग भर्ती 2013 संघर्ष समिति के बैनर तले वंचित रहे अभ्यार्थियों ने जिला कलेक्टर विश्राम मीणा को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपकर नियुक्ति दिलाने की मांग की हैं.
वर्ष 2013 की भर्ती से वंचित रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि पिछली गहलोत सरकार ने संविदा कर्मियों और नए अभ्यर्थियों को समान रूप से स्थाई रोजगार देने के लिए फरवरी 2013 की नर्सिंग भर्ती के तहत 12 हजार 278 पदों पर एएनएम और 15 हजार 773 पदों पर जीएनएम की भर्ती निकाली थी. उस वक्त बोनस अंक के विरुद्ध मामला हाईकोर्ट में होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक चला गया था.
इस दौरान राज्य में सत्ता का परिवर्तन हुआ और भाजपा सरकार सत्ता में आ गई. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने उक्त भर्ती में संदेहास्पद वित्तीय स्वीकृति का हवाला देते हुए नर्सिंग ग्रेड द्वितीय के 4 हजार 514 और एएनएम के 6 हजार 719 पदों की कटौती कर शेष पदों पर नियमित नियुक्ति प्रदान कर दी गई. परिणाम स्वरूप हजारों की संख्या में संविदा नर्सिंग कर्मी और बेरोजगार नर्सेज नियमित नियुक्ति से वंचित रह गए.
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अभ्यर्थियों ने कहा कि हमारा भविष्य सिर्फ और सिर्फ नर्सिंग भर्ती 2013 ही बना सकता है. अन्य किसी भी भर्ती में हमारा भविष्य नहीं बन सकता है. कोविड-19 के इस मुश्किल समय में हम भी देश की सेवा करना चाहते हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन सौंपकर नियुक्ति दिलाने की मांग की है.