बाड़मेर. जिले में दुष्कर्म के बाद जलाई गई 44 वर्षीय दलित महिला की इलाज के दौरान शनिवार को मौत हो गई. 18 घंटे से अधिक समय तक मुर्दाघर अस्पताल के बाहर धरने के बाद उसका परिवार प्रशासन से बातचीत के बाद पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार के लिए तैयार हो गया, जिसके बाद रविवार को शव का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस की ओर से कड़े बंदोबस्त किए थे.
इससे पहले पीड़ित परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शुरू में मामला दर्ज करने में हिचकिचाहट दिखाई. दलित समुदाय ने इस घटना का विरोध किया और मांग की कि परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा, एक सरकारी नौकरी और आरोपियों को मृत्युदंड दिया जाए. जिला प्रशासन से उनकी मांगों को पूरा कराने का आश्वासन मिलने के बाद परिजनों ने धरना समाप्त कर पोस्टमार्टम कराया. वहीं, जब परिजन जोधपुर से शव को लेकर गांव पहुंचे तो अपनी मां के शव को देखकर घर मे मौजूद चारों मासूम बच्चों की चीख पुकार शुरू हो गई और घर मे कोहराम मच गया. जिसके बाद अंतिम यात्रा निकाली और गांव के श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया.
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घटना को लेकर गरमा गई है राजनीति : राजस्थान में विधानसभा चुनाव में महज नौ महीने बचे हैं और ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में काबिज कांग्रेस पार्टी पर हमला करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट किया और लिखा- 'बालोतरा में एक दलित महिला के साथ दुष्कर्म कर उसे जिंदा जलाकर मार डालने के मामले ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि राजस्थान में अब कोई भी सुरक्षित नहीं है. दलित और महिलाएं निश्चित रूप से सुरक्षित नहीं हैं. एक दिन के लिए मानवता को शर्मसार कर राजस्थान में सरकार के निंदनीय और असंवेदनशील रवैये को स्पष्ट करता है. दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.'
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा, 'बालोतरा में एक विवाहिता के साथ दुष्कर्म कर उसे ज्वलनशील पदार्थ से जलाने और फिर पुलिस द्वारा अस्पताल के बाहर लोगों से बदतमीजी करने की वीभत्स घटना सरकार पर धब्बा है.' अनिवार्य और ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने का दावा करने वाली गहलोत सरकार सबके सामने आ गई है.
राजस्थान की गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट किया और लिखा- 'बालोतरा न्याय मांग रही है, कटघरे में खामोश है सरकार! कांग्रेस ने राजस्थान में अपराध नहीं रोका, उल्टा कानून व्यवस्था ठप कर दी है. महिलाओं की इज्जत लूटो, क्या ये जनता की अदालत में अपराधी नहीं है?'