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बाड़मेर: रोडवेजकर्मियों का दो दिवसीय धरना शुरू...सरकार पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप - barmer news

राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा इफेक्ट एंड एसोसिएशन बीजीएम कल्याण समिति के बैनर तले गुरुवार से दो दिवसीय धरने पर बैठ गए हैं. वहीं उनका कहना है कि अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो वह प्रदेश स्तरीय विशाल रैली करेंगे.

roadways strike news, रोडवेजकर्मियों की हड़ताल

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Published : Oct 10, 2019, 10:08 PM IST

बाड़मेर. जिला मुख्यालय पर रोडवेज बस डिपो पर कर्मचारियों ने गुरुवार से अपना दो दिवसीय धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया हैं. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और राज्य सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया.

रोडवेजकर्मी हड़ताल कर बैठे धरने पर

कर्मचारियों का कहना है कि राज्य सरकार की ओर से रोडवेज विरोधी एवं श्रमिक विरोधी नीतियों के खिलाफ रोडवेज के श्रमिक संगठनों, ए एटक, सीटू इंटक, आरएस-आरटीसी रिटायर्ड एंप्लाइज एसोसिएशन, राजस्थान रोडवेज सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण समिति के संयुक्त मोर्चा के बैनर तले रोडवेज के सेवारत और सेवानिवृत्त श्रमिक निरंतर 5 साल तक लगातार संघर्ष करते रहें.

वहीं 17 सितंबर 2018 से शुरू हुई प्रदेश व्यापी हड़ताल 6 अक्टूबर 2018 को राज्य विधानसभा के चुनाव की घोषणा तक जारी रहीं. उस समय प्रदेश व्यापी हड़ताल के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट ने कांग्रेस के जयपुर जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास ने 4 अक्टूबर 2018 को जयपुर में सिंधी कैंप बस स्टैंड पर हड़ताली रोडवेज श्रमिकों को संबोधित करते हुए वादा किया था, कि राज्य में कांग्रेस सरकार बनने पर रोडवेज श्रमिकों की मांगों को अतिशीघ्र सकारात्मक समाधान किया जाएगा, लेकिन सरकार बनने के बाद कांग्रेस अपने वादे भूल गई हैं.

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कांग्रेस को सत्ता में आए 9 महीने का समय व्यतीत हो जाने के उपरांत भी अभी तक राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों को पूरा करने की दिशा में अपेक्षित ध्यान नहीं दिया गया है. जिसके कारण श्रमिकों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.
वहीं रोडवेज के सेवारत एवं सेवानिवृत्त श्रमिकों में भारी आक्रोश व्याप्त है. इस संदर्भ में संयुक्त मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारियों की जयपुर में बैठक आयोजित हुई थी. जिसमें गंभीरतापूर्वक निष्कर्ष निकाला गया कि उन्हें फिर से आंदोलन के रास्ते जाने को बाध्य होने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा हैं. इसलिए स्वाभाविक परिणाम स्वरूप गुरुवार से दो दिन तक रोडवेज की सभी इकाइयां धरना-प्रदर्शन कर रही है.

वहीं 17 अक्टूबर को उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के विधानसभा क्षेत्र टोंक में प्रदेश स्तरीय विशाल रैली का आयोजन किया जाएगा. 23 अक्टूबर को दोपहर 1बजे से 2 बजे तक प्रदेश की सभी कई कार्य का बहिष्कार करेंगे. इसके उपरांत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में प्रदेश स्तरीय विशाल रैली भी आयोजित की जाएगी.

रोडवेज श्रमिकों की मुख्य मांगे है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने, सेवानिवृत्त श्रमिकों के सभी प्रकार के बकाया भुगतान करने, जनहित में एक हजार नई बसें क्रिएट करने और 8 हजार से ज्यादा रिक्त पड़े पदों पर भर्ती करने सहित 10 सूत्रीय मांगे कर रहे हैं.

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रोडवेज आरएसआरटीसी के प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद मंजूर कुरेशी ने बताया कि रूगा राम धतरवाल अध्यक्ष एटक, आत्माराम कुमार अध्यक्ष रिटायरमेंट यूनियन, खेताराम चौधरी अध्यक्ष इंटक मोटाराम, जांगिड़ चेलाराम प्रजापत, हेमाराम युसूफ खान, दुर्गा राम जाखड़, पोकर लाल, कलेडा शौकत अली और सचिव छगनलाल चौहान सहित कई रोडवेज धरना पर बैठे रहे हैं.

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