बाड़मेर.दहेज प्रताड़ना से तंग एक विवाहिता अपनी बच्ची के साथ पिछले 5 वर्षों से अपने पीहर बाड़मेर में रह रही है. वहीं उसका पति बच्ची के जन्म के बाद से ही उसे छोड़कर मलेशिया चला गया. नवंबर 2020 में पीड़िता की मां ने महिला थाने बाड़मेर में दहेज प्रताड़ना को लेकर मामला दर्ज करवाया. मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी.
दहेज प्रताड़ना के मामले में पुलिस ने कोर्ट में पेश किया चालान पीड़िता के पति को मलेशिया से बुलाना पुलिस के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं था, लेकिन महिला थाना अधिकारी लता बेगड़ ने अपनी सूझबूझ से पीड़िता के पति को मलेशिया से यहां बुला कर उक्त प्रकरण की हर पहलू से जांच कर जांच में दोषी पाए जाने पर आरोपी पति के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कोर्ट में उसके विरुद्ध चालान पेश किया.
दरअसल परिवादी महिला ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी का विवाह अलवर के खैरथल निवासी राहुल आचार्य के साथ हुआ था. जिसके 1 वर्ष बाद उसको बेटी भी हुई, लेकिन ससुराल पक्ष और पति द्वारा विवाहिता को दहेज की मांग को लेकर लंबे समय से प्रताड़ित किया जा रहा था. जिसके बाद से ही विवाहिता बाड़मेर स्थित अपने पीहर में रह रही थी. वहीं नवंबर 2020 में महिला थाने में दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई कर 4 महीने में ही आरोपी को मलेशिया से बुलाकर और उसके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया है.
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महिला थाने की थानेदार लता बेगड़ ने बताया कि बाड़मेर निवासी एक महिला ने अपनी पुत्री के साथ दहेज प्रताड़ना को लेकर मामला दर्ज करवाया था. इसमें उसने बताया था कि मेरा जमाई मलेशिया में किसी कंपनी में कार्यरत है और कई बार अलवर में राज्य महिला आयोग द्वारा एवं अलवर महिला थाना पुलिस परामर्श केंद्र में भी काउंसलिंग का प्रयास किया गया था, लेकिन मेरे जमाई ने आने से इनकार कर दिया और ना ही इस संबंध में वह हमसे बात कर रहा था. उसके बाद से ही वर्ष 2016 से पीड़िता अपनी मां के साथ बाड़मेर में निवास कर रही है और नवंबर 2020 में यहां आकर पीड़िता की मां ने अपने जमाई और कुछ ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज करवाया.
उन्होंने कहा कि मैं खुद इस मामले की अनुसंधान अधिकारी थी. मुकदमा दर्ज होने के तुरंत बाद ही मैंने मुलजिम के नंबरों पर संपर्क साधा और उसे यहां आने के लिए प्रेरित किया. उसके बाद उसे एफआईआर की कॉपी भेजी गई. जिसके आधार पर उसे यहां आने की अनुमति मिली. इस बीच मलेशिया में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लग गया था. जिस वजह से वह कुछ समय नहीं आ सका, लेकिन इस बीच हम लगातार उसके संपर्क में थे और उसे यहां आने के लिए प्रेरित किया. जिसके बाद वह जनवरी के पहले सप्ताह में राजस्थान आया. उसके बाद इस मामले को लेकर उससे अनुसंधान किया गया. इस मामले की जांच में आरोपी पति दोषी पाया गया. जिसके आधार पर कार्रवाई करते हुए उसके विरुद्ध कोर्ट में चालान पेश किया गया.
जांच में सामने आई ये बात
महिला थाना अधिकारी लता बेगड़ ने बताया कि इस मामले की जांच में यह बात सामने आई कि मुलजिम शुरुआत से ही क्योंकि वो परिवार का इकलौता पुत्र था, तो दहेज की मांग को लेकर अपनी पत्नी को तंग परेशान करता था और कुछ समय बाद जब उसकी बेटी का जन्म हो गया. उसके बाद वह ज्यादा तंग परेशान करने लग गया, क्योंकि वह खुद इकलौता लड़का है. ऐसे में उसे आस थी कि उसे बेटा होगा, लेकिन जब बेटी हुई तब वह अपनी पत्नी को ज्यादा तंग परेशान करता था यह बात जांच में सामने आई.