बाड़मेर. जिले की 37 जिला परिषद की सीटों में भाजपा और कांग्रेस को 18-18 सीटें हासिल की और एक सीट हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के खाते में गई. ऐसे में माना जा रहा था कि आरएलपी निर्णायक की भूमिका में रहेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ बल्कि कांग्रेस ने बीजेपी में सेंध मार अपना वोट बनाने में कामयाब हो गई. जिला प्रमुख के चुनाव में भाजपा की ओर से रूप सिंह राठौड़ को 16 वोट मिले जबकि कांग्रेस के महेंद्र चौधरी को 21 मत मिले जिससे एक बार फिर कांग्रेस जिला प्रमुख की सीट पर काबिज हो गई.
बाड़मेर में कांग्रेस का बना बोर्ड कांग्रेस का बोर्ड बनने के बाद कार्यकर्ताओं में जबरदस्त तरीके का उत्साह देखने को मिला नवनिर्वाचित जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी का कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तरीके से स्वागत किया. इस दौरान मीडिया से रूबरू होते हुए नवनिर्वाचित बाड़मेर जिला प्रमुख महेंद्र चौधरी ने अपने राजनीतिक कैरियर के बारे में बताते हुए कहा कि 1996 में राजकीय महाविद्यालय बाड़मेर से राजनीतिक के रूप में अपना पहला अध्याय शुरू किया और क्लास प्रतिनिधि के रूप में चुना गया.
जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी में ज्वाइंट सेक्रेट्री का चुनाव लड़ा उसके बाद से लगातार कांग्रेस में राजनीतिक रूप में सक्रिय रहा उसके साथी जैसलमेर मे वकालात की और जैसलमेर में भी कांग्रेस में राजनीति में सक्रिय रहा. उन्होंने कहा कि जिला प्रमुख की बड़ी जिम्मेदारी मिली है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास करवाना मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी, चाहे चिकित्सा हो सड़क हो पानी हो हर क्षेत्र में विकास करवा कर लोगों को कैसे राहत दिला सकूं वह मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी.
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उन्होंने कहा कि जिला प्रमुख का यह चुनाव रोचक था. दोनों दलों की 18-18 सीटें बराबर थी, फिर भी हमारी कांग्रेस पार्टी में एकजुटता दिखाते हुए राजस्व मंत्री हरीश चौधरी बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन सहित सभी कांग्रेस के विधायक जिला अध्यक्ष और जिला परिषद के सदस्यों और हर कार्यकर्ता ने काम करते हुए यह ठान लिया था कि कांग्रेस का बोर्ड बनाना है और कांग्रेस का बोर्ड बन गया.