बाड़मेर. यह जानकारी देते हुए जोधपुर डिस्काॅम बाड़मेर के अधीक्षण अभियंता अजय माथुर ने बताया कि बकाया राशि वाले उपभोक्ताओं से राशि जमा कराने को लेकर पूर्व में दिए गए नोटिस एवं सूचना के बाद भी राशि जमा नहीं कराने को लेकर विभाग ने वित्तीय वर्ष की समाप्ति के मद्देनजर सख्ती की है.
लोगों ने शिविरों में जमा कराए बिल इसके तहत विभाग ने इस वर्ष 5 मार्च तक 3810 उपभोक्ताओं के 7 करोड़ रूपए के कनेक्शन काट दिए. इसमें अकेले 5 मार्च को ही 146 उपभोक्ताओं के 32.33 लाख रूपए के विद्युत कनेक्शन काटे गए. इस दौरान कई स्थानों पर मीटर और ट्रांसफाॅर्मर तक हटाए गए. माथुर ने बताया कि विभाग की सख्ती के बाद बकाया राशि वाले 5719 उपभोक्ताओं ने 6.82 करोड़ की राशि जमा कराई है.
पढ़ें- वार्षिक परीक्षा ऑनलाइन होगी या ऑफलाइन....निजी स्कूल VS अभिभावक, जंग जारी है...
वहीं 703 उपभोक्ताओं के पुनः कनेक्शन के लिए 1.59 लाख रूपए आर.सी. फीस जमा करवाकर कनेक्शन जोड़े गए हैं. विभाग द्वारा यह अभियान 31 मार्च तक निरन्तर चलाया जाएगा. माथुर ने सभी उपभोक्ताओं से बकाया राशि शीघ्र जमा कराने का आव्हान किया है.
शहर द्वितीय में कटे सबसे ज्यादा कनेक्शन
माथुर ने बताया कि विभाग द्वारा चलाए जा रहे राजस्व वसूली अभियान के तहत बकाया राशि जमा नहीं करने पर सर्वाधिक 896 उपभोक्ताओं के 1.50 करोड़ रूपए कनेक्शन शहर द्वितीय बाड़मेर उपखण्ड में काटे गए. विभाग की इस कार्यवाही का असर यह हुआ कि जिनके कनेक्शन कटे उनके साथ-साथ अन्य बकाया राशि वाले उपभोक्ताओं ने भी राशि जमा कराने में गंभीरता दिखाई.
प्रोत्साहन के लिए शिविरों का भी आयोजन
माथुर ने बताया कि विभाग द्वारा बकाया राशि केे लिए विशेष प्रोत्साहन शिविरों का आयोजन किया गया. इसके तहत रामसर, बायतु, सिणधरी के गांवों में विशेष प्रोत्साहन शिविर आयोजित आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचकर अपनी बकाया राशि जमा करा रहे हैं.
झुंझुनू के सूरजगढ़ में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई झुंझुनू के सूरजगढ़ में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई
झुंझुनू जिले के सूरजगढ़ तहसील क्षेत्र में शुक्रवार को प्रशासन ने अतिक्रमियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए दर्जनों बीघा सरकारी भूमि को अतिक्रमियों से मुक्त कराया है. आपको बता दें की पिलोद गांव की खसरा नं 233 गैर मुमकिन जोहड़ सरकारी भूमि पर कई ग्रामीणों ने दुकानें, चारदीवारी, बाढ़ डालकर व ईंट बनाने के कार्य करते हुए अतिक्रमण कर रखा था. जिसकी शिकायत के बाद तहसीलदार सूरजगढ़ ने उक्त अतिक्रमण की बेदखली के आदेश दिए थे.