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वाघा बॉर्डर पर दुल्हन ने 2 साल बाद किया पिया का दीदार, खुशी के मारे अपनों की भर आईं आंखें

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Published : Mar 9, 2021, 9:01 PM IST

Updated : Mar 9, 2021, 10:42 PM IST

आपने वीरा जारा फिल्म तो देखा ही होगा, यह कहानी भी बिल्कुल वीर जारा की तरह ही है. फिल्म में वीर जारा किस तरह से एक दूसरे से जुदा हो जाते हैं. ठीक वैसी ही यह कहानी है, असल जिंदगी के वीर और जारा की. दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2019 में हुए तनाव के चलते, दो हंसों के जोड़ों को जुदा होना पड़ा था. फिलहाल, दो साल के लंबे इंतजार के बाद दोनों युवकों की दुल्हनें घर आई हैं.

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वाघा बाॅर्डर से भारत पहुंची दो पाक दुल्हनें

बाड़मेर.करीब दो साल पहले बाड़मेर और जैसलमेर के दो युवकों की शादी पाकिस्तान में हुई थी. लेकिन पुलवामा अटैक और एयर स्ट्राइक के बाद दोनों देशों के रिश्ते में खटास आ गई और सरकार ने थार एक्सप्रेस बंद करने का ऐलान कर दिया. उसके बाद से ही दोनों दूल्हे महेंद्र और नेपाल सिंह पाकिस्तान में ही फंस गए थे. लगातार अपनी दुल्हन को साथ में लाने के लिए वीजा पाने की कोशिश किए, लेकिन वीजा न मिलने की वजह से दोनों दूल्हे वापस हिंदुस्तान आ गए थे.

वाघा बाॅर्डर से भारत पहुंची दो पाक दुल्हनें

उसके बाद से वे अपनी दुल्हनों को लाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे थे. इसी बीच केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के संपर्क में आने के बाद, सोमवार को शादी करने के बाद पहली बार दुल्हन मोर बाई और छगन बाई पाकिस्तान से हिंदुस्तान अपने ससुराल लौटीं हैं.

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बाड़मेर के गिराब थाना अंतर्गत रहने वाले महेंद्र सिंह का कहना है कि अप्रैल में अपनी बारात में 12 लोगों को लेकर थार एक्सप्रेस से ही पाकिस्तान के सिंध प्रांत में शादी करने गए थे. लेकिन किसी कारण वश थार एक्सप्रेस बंद हो गई. उसके बाद वहां से तीन महीने तक लगातार ये कोशिश करते रहे कि वह किसी भी तरीके से अपनी दुल्हन को साथ में लेकर आएं, लेकिन दुल्हन का वीजा खारिज होने के चलते उन्हें अकेले ही लौटना पड़ा.

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अटारी-वाघा बॉर्डर पर परंपरागत तरीके से दुल्हनों का हुआ स्वागत

शादी के पश्चात दो साल के लंबे इंतजार के बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर लौटी इन दोनों दुल्हनों के परिजनों ने अटारी-वाघा बॉर्डर पर परंपरागत तरीके से उनका स्वागत किया. जैसलमेर जिले के बइया गांव के नेपाल सिंह का रिश्ता पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हुआ था. वे दो साल पहले थार एक्सप्रेस से बारात लेकर पाकिस्तान गए थे. नेपाल सिंह की शादी 26 जनवरी 2019 को हुई थी. इसी तरह बाड़मेर जिले के गिराब क्षेत्र के महेन्द्र सिंह 16 अप्रैल 2019 में पाकिस्तान में शादी हुई थी. वे भी थार एक्सप्रेस से बारात लेकर पाकिस्तान गए थे.

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केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के निजी सहायक पंकज कड़वासरा ने बताया, बीते कुछ समय पहले ईटीवी भारत के माध्यम से इनकी कहानी पता लगी. उसके बाद हमने उनके परिवार से संपर्क करके उच्च आयोग और विदेश मंत्रालय में संपर्क किया. लंबी जद्दोजहद के बाद आखिरकार वह घड़ी आ गई, जब दोनों दुल्हन अपने ससुराल पहुंच गईं. इस बात को लेकर हमें बेहद खुशी है.

राजवीर बिना मां के नानी के साथ पहुंचा भारत

नेपाल सिंह और महेन्द्र सिंह अपनी पत्नियों का स्वागत करने परिवार सहित अटारी पहुंचे. बड़ी मुश्किल से घर लौटी बहुओं को देख सभी के चेहरे खिल उठे. उन्होंने खुले मन से उनका स्वागत किया. बाड़मेर-जैसलमेर के सांसद एवं केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के प्रयासों से ही दोनों दुल्हन भारत आई हैं. हालांकि, सीमावर्ती क्षेत्र में रहने वाले विक्रम सिंह की पत्नी को अभी तक वीजा नहीं मिला है. उनके दूध पीते बच्चे राजवीर सिंह को वीजा मिलने के बाद वह अपनी नानी के साथ भारत पहुंचा है.

Last Updated : Mar 9, 2021, 10:42 PM IST

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