बारां. धूलंडी के दिन दोपहर बाद खुलेआम शराब पी रहे लोगों पर पुलिस की कार्रवाई शहर में चर्चा का विषय बन गई है. जानकारी के मुताबिक चार मूर्ति चौराहे के नजदीक खुलेआम पूर्व पार्षद मुकेश मीणा सहित तीन लोग शराब पी रहे थे. जिन्हें पुलिस ने खुले में शराब पीने से टोका तो शराब पी रहे तीनों ने सीआई सहित पुलिस जाब्ते के साथ बदसलूकी की.इस पर पुलिस इन तीनों को हिरासत में लेकर थाने आ गई. लेकिन कुछ देर बाद ही अधिकारियों के निर्देश पर इन तीनों को छोड़ दिया. इस पूरे मामले में पुलिस के उच्चाधिकारियों पर राजनेताओं का बढ़ा दबाव था पुलिस अधीक्षक ने देर रात को जारी किए प्रेस नोट में इन तीनों लोगों को छोड़ने के पीछे माफीनामा पेश करने का हवाला दिया है.
खुले आम शराब पी रहे कांग्रेस के पूर्व पार्षद को पुलिस ने लिया हिरासत में
चार मूर्ति चौराहे के नजदीक खुलेआम पूर्व पार्षद मुकेश मीणा सहित तीन लोग शराब पी रहे थे. जिन्हें पुलिस ने खुले में शराब पीने से टोका तो शराब पी रहे तीनों ने सीआई सहित पुलिस जाब्ते के साथ बदसलूकी की.
लेकिन पुलिस की यहां तक की कार्रवाई में यह सवाल उठता है कि क्या कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों को महज माफीनामें पर छोड़ा जा सकता है. सिर्फ यही नहीं कांग्रेस के जिस पूर्व पार्षद को पुलिस ने छोड़ा था उसी ने कोतवाली सीआई राजेंद्र मीणा सहित पुलिस जाब्ते के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए एसपी किशोरी लाल मीणा को एक परिवाद सौंप दिया.इस परिवाद में एसपी ने संज्ञान लेते हुए तुरंत प्रभाव से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार को इसकी जांच करने के निर्देश दिए हैं. यह पूरा मामला पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली के बाद राजनीतिक दबाव से ओतप्रोत दिखाई दे रहा है.पुलिस अधीक्षक की ओर से एक प्रेस नोट इस मामले को लेकर जारी किया गया. जिन 3 लोगों को हिरासत में लिया गया था उसमें से केवल मुकेश मीणा के नाम का उल्लेख प्रेस नोट में किया गया है हिरासत में लिए गए अन्य दो लोगों के नाम का प्रेस नोट में कहीं पर भी उल्लेख नहीं है. साफ तौर पर एसपी की ओर से जारी किया गया प्रेस नोट कानून का उल्लंघन करने वालों के प्रति संवेदना व्यक्त करने वाला है.