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वसुंधरा इफेक्ट या कुछ और...यहां फिर हुई प्रदेशाध्यक्ष पूनिया की उपेक्षा ! जानिये पूरा माजरा

भाजपा बारां में एक बार फिर से प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया की उपेक्षा देखी गई. जहां पिछले महीने वसुंधरा राजे के बारां दौरे के दौरान लगाए गए पोस्टरों में सतीश पूनिया की तस्वीर नहीं होना चर्चा का विषय रहा तो वहीं अल्पसंख्यक मोर्चा की कार्यकारिणी के विस्तार के दौरान पूनिया का जिक्र नहीं किया जाना, इस बात का ताजा उदाहरण है....

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पूनिया की उपेक्षा या मिस्टेक

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Published : Sep 2, 2021, 7:53 PM IST

बारां. वसुंधरा राजे सिंधिया हाड़ौती का प्रतिनिधित्व करती हैं. बारां व झालावाड़ से वह पांच बार सांसद रही हैं, साथ ही पिछले चार बार से उनके बेटे दुष्यंत सिंह बारां-झालावाड़ लोकसभा सीट से सांसद हैं. दो बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए वसुंधरा राजे झालावाड़-हाड़ौती से ही विधायक बनी थीं.

लगातार चार बार राजे झालरापाटन से विधायक चुनी गई हैं. लेकिन भाजपा के प्रदेश स्तर के नेताओं की ओर से बयानबाजी की जा रही है और वसुंधरा खेमे के नेताओं की उनके अस्तित्व को लेकर चुनौती दी जा रही है. जबकि बारां व झालावाड़ में ऐसा नजर नहीं आता है. यहां के नेता और भाजपा पदाधिकारी वसुंधरा को ही अपना मुखिया मानते हैं.

क्या कहा बारां भाजपा जिलाध्यक्ष ने...

ऐसा उदाहरण हाल ही में सामने आया, जब बारां जिले के अल्पसंख्यक मोर्चा की जिला कार्यकारिणी का विस्तार किया गया. इसमें कहीं भी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का जिक्र नहीं किया गया है. जबकि अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सादिक खान और बारां जिला अध्यक्ष जगदीश मीणा के निर्देशन में कार्यकारिणी का विस्तार बताया गया है.

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इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष जगदीश मीणा ने सफाई देते हुए कहा कि जो भी कार्यकारिणी के विस्तार हुए वो सब प्रदेशाध्यक्ष जी की सहमति से ही हुए. चूंकि यह अल्पसंख्यक मोर्चे का मामला है, ऐसे मे अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष का हवाला इस बारे में दिया गया है. सभी मोर्चों के विस्तार में उसी मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष का हवाला दिया जाता है जो कि प्रदेशाध्यक्ष की सहमति से ही होता है.

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