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स्पेशल स्टोरी: धार्मिक आस्था का केंद्र है नागदा का नागेश्वर महादेव मंदिर, धार्मिक मेलों के दौरान उमड़ता है श्रद्धा का सैलाब

बारां के अंता में महादेव जी के मंदिर में करीब 1100 साल पुराने अवशेष मिले हैं. यहां कार्तिक पूर्णिमा पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. श्रावण मास में यहां दिनभर रूद्राभिषेक होता है. साथ ही फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि पर भी यहां मेले का आयोजन होता है.

नागेश्वर महादेव मंदिर नागदा, Nageshwar Mahadev Temple
बारां में धार्मिक आस्था का केंद्र है नागेश्वर महादेव मंदिर

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Published : Feb 20, 2020, 10:45 PM IST

अंता (बारां). बारां के अंता में कस्बे से 5 किलोमीटर दूर महादेव जी का मंदिर अति प्राचीन मंदिर है . यहां करीब1100 साल पुराने अवशेष मिले हैं. यह स्थान कालीसिंध के तट पर तपोस्थली रहा है. इस स्थान पर 7 कुंड हैं, जिनमें गोमुख से धारा बहने वाले 5 कुंड और 2 कुंड प्राकृतिक धारा से सुशोभित है.

बारां में धार्मिक आस्था का केंद्र है नागेश्वर महादेव मंदिर

इस धरा पर लगभग 70वीं सदी के चबूतरे हैं. यहां कार्तिक पूर्णिमा पर भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. तीन दिनों तक लगने वाले इस मेले में लाखों श्रदालु यहां पहुंचकर कुंड में स्नान करते हैं और महादेव की पूजा-अर्चना करके धर्म लाभ प्राप्त करते हैं.

फाल्गुन मास की महाशिवरात्रि पर भी यहां मेले का आयोजन होता है. वहीं, श्रावण मास में यहां दिनभर रूद्राभिषेक होता है. ऐसे में अभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं को पहले से बुकिंग करनी पड़ती है. तब जाकर उनको समय पर पूजन करने का मौका मिलता है.

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ट्रस्ट के अध्यक्ष प्रताप सिंह नागदा ने बताया कि इस स्थान पर तीन अखंड ज्योति यहां अनवरत जलती रहती है. एक अखण्ड ज्योति करीब 45 साल से, दूसरी अखंड ज्योति 18 साल से और तीसरी अखंड ज्योति करीब 10 साल से जल रही है.

मान्यता है कि यहां पर कुण्ड में स्नान करने से चर्म रोग से राहत मिलती है . इस स्थान को राजस्थान सरकार द्वारा पर्यटक स्थल घोषित किया गया है . वर्तमान में मंदिर के पास ही नागदा राज परिवार के रियासतकालीन शहीदों के स्मारक बने हुए हैं. उल्लेखनीय है कि जब से इस मंदिर का नव निर्माण हुआ है, तभी से यहां पर धाबाई परिवार द्वारा शाम की आरती की व्यवस्था की जा रही है.

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नागदा धाम पर पिकनिक करने वालों का तांता लगा रहता है. यहां रविवार और सोमवार को यहां लोग परिवार सहित पिकनिक करने परिवार सहित यहां आते हैं. यहां पर पूर्णतया धार्मिक भावनाओं के अनुकूल ही लोग पिकनिक मनाते हैं. विशेष तौर पर जन्मदिन मनाने वालों को यहां पर केक काटने की अनुमति नहीं है. जन्मदिन मनाने वाले कन्या भोज और सामूहिक भोज कर सकते हैं. भोजनशालाओं के अंदर सभा करना यहां पर सख्त मना है .

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