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महामारी के बीच इलाज के अभाव में प्रसूता और बच्चे की मौत - राजस्थान की खबरें

बारां के शाहबाद में चिकित्सा सुविधाओं की कमी के चलते एक महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया. वहीं इसके बाद महिला की भी मौत हो गई. यहां 6 माह से एक भी एएनएम सर्वे या जांच के लिए नहीं पहुंची हैं.

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मटियाखारा गांव में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की हुई मौत

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Published : Apr 2, 2020, 8:13 PM IST

शाहबाद (बारां).कस्बा थाना पुलिस थाना क्षेत्र के मठियाखारा गांव में सहरिया महिला ने मृत बालिका को जन्म दिया है. डिलीवरी के 1 घंटे बाद ही प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया.

मटियाखारा गांव में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की हुई मौत

दरअसल, मठियाखारा गांव में अल सुबह 5 बजे करीब सहरिया युवती ने घर पर ही मृत बच्ची को जन्म दिया. जिसके कुछ समय बाद प्रसूता महिला की मौत हो गई. समाजसेवी भान सिंह मेहता ने बताया कि किरण बाई सहरिया पत्नी अवतार सहरिया (26) निवासी मटियाखारा को सुबह प्रसव पीड़ा होनी शुरू हुई. कुछ समय बाद उसने मृत बच्ची को जन्म दिया जन्म के कुछ समय बाद ही प्रसूता की भी मौत हो गई. जिसके बाद चिकित्सा विभाग को जानकारी दी गई.

प्रसूताओं को समय पर नहीं लगाए जाते हैं टीका

ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि गांव सहित आसपास के सहरिया बस्तियों में अस्पताल से एएनएम समय पर आकर प्रसूता महिलाओं को टीका नहीं लगाती हैं. मटिया खारा गांव में करीब 6 माह से एएनएम भी नहीं आई है. जिसके चलते प्रसूताओं को परेशानी हो रही है. कस्बाथाना अस्पताल गांव से 24 किलोमीटर दूर है. दूर होने के चलते हमें भी कस्बाथाना जाने में कई किलोमीटर तक की दूरी तय करनी पड़ती है. अगर देवरी अस्पताल में प्रसूताओं को देख लिया जाए, तो महिलाओं को परेशानी से छुटकारा मिल पाएगा.

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परिजनों ने लगाए आरोप

मृतक प्रसूता के पति अवतार सहरिया ने बताया कि चिकित्सा विभाग की ओर से एएनएम क्षेत्र के गांव में समय पर नहीं आती हैं. जिसके चलते मेरी पत्नी को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इससे पहले मेरी पत्नी की तीन बार डिलीवरी हो चुकी है, जो समय से पहले ही हो गई थी. जिनमें भी मेरी बच्चों ने तुरंत दम तोड़ दिया था. चौथी डिलीवरी पूरे 9 माह की थी.

क्या कहते हैं चिकित्सा अधिकारी

कस्बा थाना चिकित्सालय में कुल 7 उप स्वास्थ्य केंद्र आते हैं. स्टाफ की कमी के चलते इन 7 सेंटरों पर मात्र तीन एएनएम तैनात हैं. जिसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को भी है. क्षेत्र के 45 गांव की जिम्मेदारी मात्र 3 एएनएम के भरोसे ही चल रही है. इस मृत महिला ने पहले भी हुई तीन डिलीवरी में तीन मृत बच्चों को जन्म दिया है. एक बार इसकी डिलीवरी बारां चिकित्सालय में भी हुई थी. वहां भी इसमें मृत बच्चे को ही जन्म दिया था. हर डिलीवरी पर शिशु की मौत हो जाती है.

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