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बारां: पीपलघटा गांव में नदी से निकलती है शव यात्रा - बारां खबर

बारां जिले के पीपलघटा गांव में अगर किसी की मृत्यु हो जाती है, तो उसकी शव यात्रा नदी से होकर निकलती है. बता दें कि यह नदी श्मशान पर जाने वाले रास्ते में पड़ती है. लोग लंबे समय से पुलिया निर्माण की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है. बरसात के दिनों में लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है.

, burial sites missing in Peepalghata village, नदी से निकलती है शव यात्रा, पीपलघटा गांव में नहीं है शमशान

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Published : Aug 13, 2019, 1:17 PM IST

बारां. किशनगंज तहसील में विलासगढ़ ग्राम पंचायत क्षेत्र के पीपलघटा गांव में मृत्यु के बाद शव का अंतिम संस्कार चिंता का विषय बना हुआ है. बरसात के दिनों में गांव में होने वाली मौत के अंतिम संस्कार को लेकर शमशान की सुविधा नहीं है. इससे बरसात के दिनों में होने वाली मौत के शव को नदी से होकर शमशान तक ले जाना पड़ता है.

पीपलघटा गांव में नदी से निकलती है शव यात्रा

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बता दें कि ग्राम पंचायत की उदासीनता के कारण श्मशान जैसी सुविधा भी गांव में नहीं है. ग्रामीणों ने इस समस्या को लेकर पंचायत प्रशासन से लेकर आला अधिकारियों तक गुहार लगाई है. लेकिन मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया. जिसका खामियाजा आज गांव वासियों को भुगतना पड़ रहा है.

ग्राम पंचायत बिलासगढ़ के ग्राम पीपलघटा गांव में मंगलवार को कैंसर से पीड़ित महिला नर्मदा बाई की मृत्यु हो गई. गांव के पास से गुजर रही नदी में पानी बहने से पीपल घटा गांव के लोगों को अंतिम शव यात्रा नदी से होकर निकालनी पड़ी. अंतिम यात्रा के लिए नदी के अलावा कोई रास्ता नहीं है. लोग 3-3 फीट पानी से गुजरकर अर्थी को शमशान लेकर पहुंचे.

ग्रामीणों ने कई बार छोटी पुलिया और रपट बनाने की मांग की है लेकिन प्रशासन द्वारा किसी प्रकार से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. लोगों ने प्रशासनिक अमले से मार्ग पर पुलिया निर्माण की मांग की है. जिससे कि गांव के लोगों को मृत्यु के बाद शव को शमशान तक पहुंचाने में आसानी हो.

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