राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

बारां: छबड़ा के सरकारी दफ्तरों की हालत बदतर, पिछले 6 महीने से बंद पड़ा पशु अस्पताल

बारां के छबड़ा कस्बे में सरकारी कार्यालयों की हालत बदतर है. वहीं जेपला पंचायत में पिछले 6 महीने से पशु अस्पताल बंद है. जिससे किसान पशुओं के उपचार के लिए परेशान हो रहे हैं.

By

Published : Feb 16, 2020, 1:19 PM IST

Chhabra news, baran news, छबड़ा न्यूज, राजस्थान न्यूज
सरकारी कार्यालयों की हालत बदतर

छबड़ा (बारां). जिले के छबड़ा कस्बे में इन दिनों सरकारी सेवाओं की हालत खराब है. क्षेत्र के कई गांवों में कहीं चिकित्सा भवन नहीं है तो कहीं अधिकारी नदारद है. कुछ सरकारी भवनों पर कार्मिकों के अभाव में ताला लटका हुआ है. वहीं क्षेत्र का डिस्पेंसरी भवन देखभाल के अभाव में खंडर हो गया है. छबड़ा कस्बे सहित विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों सरकारी कार्यालयों में राजकीय सेवाओं का हाल बेहाल है. कुछ कार्यालयों पर तो सालों से ताले लगे हुए है.

सरकारी कार्यालयों की हालत बदतर

यहां चिकित्सा भवन भी जर्जर हालत में है. जेपला पंचायत में पिछले 6 महीने से पशु चिकित्सालय में ताला लटका पड़ा है. कोई भी कार्मिक या चिकित्सक यहां आजतक नियुक्त नहीं किया गया है. वहीं जेपला पंचायत से 20 गांवों के लोग जुडे़ हुए हैं. किसानों को अपने पशु के उपचार को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें.बारांः सीटीपीपी केंद्रीय स्कूल में मनया ग्रैंड पेरेंट्स डे, बच्चों ने दी शानदार प्रस्तुतियां

दूसरी ओर पंचायत भवन का हाल भी बेहाल है. यहां के अटल सेवा केंद्र और पटवार घर में भी ताला लगा है. ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले कई दिनों से पटवारी नदारद है. भवन के शौचालय बुरी हालत में है. भवन की साफ-सफाई तक नहीं हो पा रही है.

यह भी पढ़ें.बारांः NTPC की ओर से 2 दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिता का समापन, 22 स्कूलों के 714 खिलाड़ियों ने लिया भाग

नव नियुक्त सरपंच भावना सिंह के पति का कहना है कि बस अभी चार्ज संभाला है. 20 फरवरी को मीटिंग लेकर सभी को पाबंद किया जाएगा. ग्रामीणों का कहना है कि कस्बे के कोली मोहल्ला स्थित डिस्पेंसरी भवन देखरेख के अभाव में जीर्णशीर्ण हो गई है. यहां गेट खिड़की, दरवाजे सभी गायब है. पिछले 10 सालों से भवन खंडर बन चुका है. चुनाव आते ही जन प्रतिनधियों द्वारा बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं. मगर सब चुनाव के बाद यहां की समस्या की सुध लेना भूल जाते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details