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बारां में मनचलों को सबक सिखाने के लिए तैयार हुईं बेटियां, जूडो कराटे प्रशिक्षण शिविर का समापन

बारां में लड़कियों के पांच दिवसीय जूडो कराटे प्रशिक्षण शिविर का समापन शनिवार को हुआ. इसमें कुल 80 छात्राओंं ने भाग लिया, जिसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को सम्मानित किया गया.

बारां में पांच दिवसीय जूडो कराटे प्रशिक्षण शिविर का समापन

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Published : Jun 8, 2019, 3:48 PM IST

बारां. जिले में अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन द्वारा आयोजित पांच दिवसीय जूडो कराटे प्रशिक्षण शिविर का समापन शनिवार को हुआ. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार रहे. पांच दिवसीय जूडो कराटे प्रशिक्षण शिविरमें प्रशिक्षण पुलिस विभाग की ओर से तनवीर अहमद और एक अन्य महिला प्रशिक्षक ने दिया.

पांच दिनों तक चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 80 छात्राओंं ने भाग लिया, जिसमें सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को सम्मान से नवाजा गया. वहीं, प्रशिक्षण प्राप्त कर रही सभी छात्राओं को भी इस मौके पर प्रमाण पत्र वितरित किए गए. जूडो कराटे प्रशिक्षण शिविर में बेटियों ने पांच दिनों तक आत्म सुरक्षा के गुण सीखें. समापन कार्यक्रम के दौरान मंच पर बालिकाओं ने राह चलती बालिकाओं से छेड़खानी और गलत हरकतों पर जवाब दिए जाने का नाट्य मंचन किया गया.

इसके अलावा प्रशिक्षण प्राप्त कर रही बालिकाओं ने मंच पर जूडो कराटे की शानदार प्रस्तुति दी. पांच दिन के प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षित हुई बालिकाओं की इस एक कोशिश पर मौजूद लोगों ने जमकर तालियां भी बजाई.

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विजय स्वर्णकार ने बताया कि अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन द्वारा बालिकाओं में आत्मविश्वास पैदा करने के लिए एक सार्थक कदम है. उन्होंने कहा कि पुलिस इस दिशा में लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि किसी काम के लिए जाने पर लड़कियों को रास्ते में कई घटनाओं का सामना करना पड़ता है. साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस ऐसे कार्यक्रमों के लिए हमेशा तत्पर है और आगे भी इन्हीं कोशिशों के जरिए बालिकाओं में आत्मविश्वास पैदा करने के भरसक प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों में जन भागिता को भी आवश्यक बताया.

बारां में पांच दिवसीय जूडो कराटे प्रशिक्षण शिविर का समापन
महा सम्मेलन की अध्यक्ष अनीता सेठी ने बताया कि इस कार्यक्रम के पीछे उनका उद्देश्य बालिकाओं को तैयार करना है, जिससे वह किसी भी काम को करने के पहले डरे नहीं और निर्भीक होकर उस काम को करें. उन्होंने बताया कि आज बालिकाएं सुरक्षित नहीं है, ऐसे में उनके अंदर यह प्रशिक्षण होना बेहद आवश्यक है.

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