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छबड़ा में शनिवार को 7वें दिन भी कर्फ्यू, इंटरनेट सेवा रही बंद, अब तक 46 उपद्रवी गिरफ्तार

छबड़ा में बवाल के बाद शनिवार को सातवें दिन भी इलाके में कर्फ्यू लगा रहने के साथ इंटरनेट सेवाएं भी बंद रखी गईं. फिलहाल 19 अप्रैल तक कर्फ्यू जारी रखने का निर्णय लिया गया है.

इंटरनेट सेवा रही बंद, छबड़ा बारां की खबर,  Curfew on 7th day in Chhabra, Internet service stopped
छबड़ा में 7वें दिन भी कर्फ्यू

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Published : Apr 17, 2021, 1:43 PM IST

छबड़ा (बारां). छबड़ा में आगजनी और हिंसा की घटना को आज सातवां दिन हो गया है, लेकिन हालात नहीं सुधरे हैं. शनिवार को सातवें दिन भी छबड़ा में कर्फ्यू जारी है तो वहीं इंटरनेट सेवाएं भी पूरी तरह से बंद हैं. कस्बे में हालात तो नियंत्रण में हैं लेकिन पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने 19 अप्रैल तक तो कर्फ्यू जारी रखने व इसमें ढील नहीं देने का निर्णय लिया है.

छबड़ा में 7वें दिन भी कर्फ्यू

शुक्रवार शाम जहां प्रदेश के दो गुटों के प्रतिनिधि मंडल ने भी छबड़ा पहुंचकर बारां एसपी से अलग-अलग मुलाकात कर समाज के निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमे में नहीं फंसाने की अपील करते हुए दोषी लोगों गिरफ्तार करने और सख्त सजा दिलाने की मांग की. हालांकि छबड़ा कस्बा पूर्णतया पुलिस छावनी में तब्दील है. डीआईजी कोटा, एडीएम व बारां एसपी विनीत बंसल समेत करीब 5 सौ जवान मोर्चा संभाले हुए हैं. कर्फ्यू ग्रस्त अतिसंवेदनशील इलाकों में एसटीएफ और आरएसी के जवानों को तैनात किया गया है. पुलिस व जवानों का कस्बे में निरंतर फ्लैग मार्च जारी है. आमजन को परेशानी न हो इसलिए पुलिस व प्रशासन की ओर से कस्बे में अभी दूध व मेडिकल सुविधाओं के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है.

पढ़ें:छबड़ा उपद्रव: विश्व हिंदू परिषद ने 16 अप्रैल बारां बंद का किया ऐलान, कहा- प्रशासन नहीं माना तो करेंगे छबड़ा कूच

एसपी विनीत बंसल ने बताया कि कस्बे में हालात सामान्य हैं. 19 अप्रैल के बाद फिर एक बार व्यापारियों व प्रशासन के बीच बेठक रखी जायेगी. अभी तक दोनों पक्षों के 46 दंगाइयों को गिरफ्तार किया जा चुका है. 37 दंगाइयों को जेल भेजा जा चुका है, शेष 9 दंगाई रिमांड पर हैं. वहीं दूसरी ओर कुछ दंगाइयों से लूटपाट का सामान आटा, दाल, घी, तेल के पीपे व मोबाइल व तलवारें और लाठियां भी बरामद की गईं हैं. बारां एडीएम अबूबक्र व एसपी विनीत बंसल ने छबड़ा कस्बे वासियों से अपील की है कि लोग धर्य व संयम से काम लें और शांति बनाए रखें.

उधर, पीड़ित व्यापारियों व विभिन्न व्यापारिक संगठनों से जुड़े लोगों का कहना है कि हालात कुछ भी रहें जब तक सभी दंगाई गिरफ्तार नहीं हो जाते, लूट का माल बरामद नहीं हो जाता और सरकार पीड़ित व्यापारियों को उचित मुआवजा नहीं देती तब तक बाजार व दुकानें नही खोले जाएंगे.

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