छबड़ा (बारां).छबड़ा के तहसीलदार दिलीप सिंह प्रजापत ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर लॉकडाउन के दौरान तत्कालीन एसडीएम और एक अन्य प्रशासनिक अधिकारी पर नियमों को ताक में रखकर जब्त अवैध शराब को खुर्दबुर्द करने करने का आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के जरिए साढ़े दस बीघा सरकारी जमीन को एक भाजपा नेता के नाम कराने का आरोप लगाया गया है.
तहसीलदार दिलीप सिंह प्रजापत का कहना है कि भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने प्रशासनिक अधिकारियों से सांठ-गांठ करके साढ़े दस बीघा सरकारी भूमि को अपने खाते दर्ज कराया है. इस संबंध में मुख्यमंत्री और राजस्व के उच्च अधिकारियों को पत्रावली प्रेषित कर जांच करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है.
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तहसीलदार प्रजापत ने आयोजित प्रेस वार्ता में बताया की छबड़ा सालपुरा मार्ग स्तिथ खसरा नंबर 81, 82 और 83 की 10 बीघा 11 बिस्वा भूमि रियासत कालीन समय से शेखमोला बख्श के नाम से दर्ज थी. इस भूमि से भरण पोषण करने के रूप में खसरा नंबर में रसूल मोहम्मद (पुत्र-अब्दुल) का नाम दर्ज था. नियमानुसार संवत 2013 से 2016 के समय इसे सरकारी खाते में दर्ज किया गया माना था. वहीं नियमों के चलते 23 अगस्त 1954 को ये भूमि सरकारी संपत्ति हो चुकी थी.
छबड़ा तहसीलदार ने की दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग उन्होंने बताया कि छबड़ा निवासी हिम्मतसिंह सिंधवी और रसूल मोहम्मद ने इस सरकारी भूमि को हथियाने के लिए साल 1985 में सीजेम कोर्ट में रसूल मोहम्मद के खिलाफ वाद दायर कर दिया और आपसी सहमति से राजिनामा पेश कर 10 फरवरी 2002 को अपने पक्ष में करवा लिया. कोर्ट के माध्यम से 14 मार्च 2007 को पंजीयन करवाकर अपने नाम करा ली. शेखमोला बख़्श के साथ सिंधवी ने जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करा ली.
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तहसीलदार प्रजापत ने कहा कि ये भूमि सरकारी होने के बावजूद भी ना तो राजस्थान सरकार और ना ही शेख मोला को पार्टी बनाया गया. वहीं, इसके बाद भाजपा नेता ने फिर से कोर्ट में वाद दायर कर तत्कालीन एसडीएम से मिलीभगत कर इस जमीन को अपने नाम करा लिया. फर्जी दस्तावेजों से इस जमीन पर स्कूल और आवासीय उपयोग का पंजीयन भी करवा लिया था. इसी तरह उन्होंने कहा तत्कालीन एसडीएम और उनके ड्राइवर पर आरोप शराब की पेटियों को खुर्द बुर्द करने का आरोप भी लगाया है.