बारां. कांग्रेस विधायक भरत सिंह खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया पर लगातार हमले कर रहे हैं. लेकिन अब भाया के करीबी और बारां के विधायक पानाचंद मेघवाल और निर्मला सहरिया ने पत्र के जरिए बयान जारी किया हैं. जिसमें दोनों विधायकों ने भरत सिंह को कांग्रेस का जयचंद बताया है. साथ ही लिखा है कि भरत सिंह हाड़ौती में पार्टी को कमजोर करने के लिए ओछी हरकतें कर रहे हैं. आए दिन अनावश्यक रूप से बारां में विरोध प्रदर्शन कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं.
ऐसे तो प्रदेश सरकार के मुखिया अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच पिछले लंबे समय से अदावत चल रही है. लेकिन अब इन दोनों दिग्गजों के इतर हाड़ौती में पार्टी के दो बड़े नेता आमने-सामने आ गए हैं. असल में खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया और सांगोद के विधायक भरत सिंह आए दिन एक-दूसरे पर हमले कर रहे हैं. वहीं, भरत सिंह खान की झोपड़िया गांव को कोटा जिले में शामिल करवाने के लिए लगातार आंदोलन कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि वो आगामी 23 जनवरी को विधानसभा सत्र में शामिल नहीं होंगे और बारां में प्रदर्शन करेंगे.
वहीं, भरत सिंह के बयान पर पलटवार करते हुए भाया के करीबी और बारां के कांग्रेसी विधायक पानाचंद मेघवाल और निर्मला सहरिया ने पत्र के जरिए पलटवार किया है. जिसमें दोनों विधायकों ने भरत सिंह को कांग्रेस का जयचंद बताते हुए लिखा है कि हाड़ौती में पार्टी को कमजोर करने के लिए वो ओछी हरकतें कर रहे हैं. पत्र में आगे लिखा कि बिना वजह बारां में विरोध प्रदर्शन कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो रही है. बता दें कि सांगोद विधायक भरत सिंह कई बार मंत्री भाया को भ्रष्ट और मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाने के लिए सीएम गहलोत पर दबाव तक बना चुके हैं. इसको लेकर लंबे समय से अवैध खनन, गोडावण, खान की झोपड़िया और सोरसन के मुद्दे को उठाते रहे हैं. इन मुद्दों को लेकर को वो सीएम गहलोत और पीसीसी चीफ को सैकड़ों पत्र लिख चुके हैं.
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सीएम को कहा भला बुरा: बारां अटरू के विधायक मेघवाल और सहरिया ने संयुक्त बयान जारी करते हुए एक पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने लिखा कि हम विधायक भरत सिंह का सम्मान करते हैं. वे वरिष्ठ व पार्टी के पुराने नेता हैं. उन्हें और उनके परिवार को कांग्रेस से बहुत कुछ मिला है. लेकिन जब से बारां और कोटा अलग जिले से बने हैं, तभी से भरत सिंह बारां के कांग्रेसी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक बयान दे रहे हैं. जिससे नेता के साथ ही पार्टी की छवि भी खराब करने की कोशिश की जा रही है. इससे उनकी कुंठा दिन-ब-दिन जाहिर हो रही है. साथ ही आगे लिखा कि भरत सिंह कई बार सीएम को लेकर भी भला बुरा कह चुके हैं. ऐसा ही उन्होंने केंद्रीय नेतृत्व के नेताओं के साथ किया है.
भाजपा को पहुंचा रहे लाभ:विधायकों ने अपने बयान में लिखा है कि भरत सिंह की यह हरकतें हाड़ौती और विशेष रूप से बारां जिले में कांग्रेस को कमजोर करने की भाजपा की रणनीति का हिस्सा है. बारां कांग्रेस के गढ़ खान की झोपड़िया गांव को कोटा जिले में मिलाने की कोई कोशिश भरत सिंह ने तब क्यों नहीं की, जब वे राज्य सरकार में मंत्री थे. अब यह निर्णय बारां जिले के स्थानीय स्तर पर संभव नहीं है. इसके बावजूद यहां धरना प्रदर्शन कर माहौल खराब करने की ओछी हरकत कर रहे हैं. हम इसकी निंदा करते हैं.
बारां का विकास रोकने पर उतारू:विधायक मेघवाल और सहरिया ने आगे लिखा कि बारां के विकास को रोकने के लिए इन्होनें सबसे पहले गोडावन मुद्दे को उठाया और अब खान की झोपड़िया के मुद्दे को उठा रहे हैं. यह आगे भी ऐसे मुद्दे उठाते रहेंगे. हम बारां की जमीन से जुड़े कांग्रेसी ऐसी ओछी हरकतों से डरते नहीं हैं. ऐसे में अब हम भरत सिंह की इस ओछी हरकत और मानसिकता की निंदा करते हैं. भरत सिंह का यह कृत्य जयचंद जैसा व्यवहार करने की तरह है. लेकिन हम बारां के कांग्रेसी राहुल गांधी के नेतृत्व में देश-प्रदेश में कांग्रेस को मजबूत करने और भारत को जोड़ने की मुहिम में लगे रहेंगे.