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जैन मुनि ने कहा- शहीदों की पत्नियों को वीरांगना का दर्जा दिया जाए

बारां में राष्ट्र संत कमल मुनि कमलेश जैन समाज के कार्यक्रम में पहुंचे. इस दौरान पत्रकारों से मुखातिब होने पर उन्होंने कहा कि शहीदों की पत्नियों को वीरांगना का दर्जा दिया जाना चाहिए.

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Published : Mar 6, 2019, 11:33 AM IST

राष्ट्र संत कमल मुनि कमलेश



बारां. जैन समाज के कार्यक्रम मेंराष्ट्र संत कमल मुनि कमलेश शहर ने शहीदों पर हो रही सियासत पर अपनी कड़ी आपत्ति जाहिर की. साथ ही कहा कि शहीदों की पत्नियों को विधवा की बजाय वीरांगना कहना उचित होगा.


उन्होंने पुलवामा हमले के शहीदो की पत्नियों को विधवा शब्द से संबोधित किए जाने रप कड़ी आपत्ति जाहिर की. कमल मुनि ने कहा कि पति के गुजर जाने के बाद वो अपने बच्चों का पालन बड़ी वीरता के साथ करती है और विधवा शब्द कलंकित करने वाला है. उन्होंने बताया कि कई जगहों पर विधवाओं को अपशकुन माना जाता है, लेकिन उन्होंने कानपुर में विधवाओं के सिर पर ही मंगल कलश बनवाया. साथ ही उन्होंने समाज से इस शब्द को हटाए जाने की भी बात कही.


पुलवामा हमले पर बोलते हुए राष्ट्र संत कमल मुनि ने कहा कि अगर कंधार कांड के मुख्य साजिशकर्ता रऊफ और उसके सहयोगियों को नहीं छोड़ा जाता तो ऐसी स्थिति नहीं होती. आतंकवादी देश पर हमला करने की हिम्मत नहीं जुटा पाते. कमल मुनि ने के मुताबिक एक खिलाड़ी को दूसरे देश में जीतने पर सरकार 5 करोड़ देती है तो शहीद के परिजनों को 10 करोड़ देना चाहिए.

राष्ट्र संत कमल मुनि कमलेश


शहीदों पर हो रही सियासत पर कमलेश मुनि ने कहा कि इसे चुनाव जीतने का मुद्दा नहीं बनाया जाए. कोई भी राजनीतिक पार्टी शहीदों पर सियासत ना करें. उन्होंने एयर स्ट्राइक और सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल पूछने वालों को भी जवाब दिया. कमल मुनि ने कहा कि ऐसी स्ट्राइक पर सवाल पूछने का मतलब है कि देश की सेना का अपमान करना. देश की सेना पर सवाल उठाना, जो किसी भी राजनीतिक पार्टी को शोभा नहीं देता.


बता दें कि भारत सरकार की ओर से सम्मानित गौ रक्षा व्यसनमुक्ती पर्यावरण सर्वधर्म सद्भाव अहिंसा एवं राष्ट्रीय एकता के सजग प्रहरी क्रांतिकारी राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश कश्मीर से कन्याकुमारी सहित पूरे देश में 70000 किलोमीटर की पदयात्रा कर रहे हैं. इस दौरान वो बारां भी पहुंचे.

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