बांसवाड़ा. बिल पास करने की एवज में 65 हजार रुपए की रिश्वत लेते भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की गिरफ्त में आया पीडब्ल्यूडी का सहायक अभियंता करोड़पति निकला. तलाशी के दौरान उसके घर से न केवल लाखों रुपए की नकदी बरामद हुई बल्कि उसके नाम पर कोटा और उदयपुर में भूखंड के साथ-साथ पत्नी के अलावा 3 बैंक खाते भी मिले. उदयपुर स्थित आवास से लाखों रुपए के सोने-चांदी के जेवर भी बरामद होने की सूचना है.
एसीबी जयपुर की टीम ने बुधवार को बांसवाड़ा में कार्यवाहक अधिशासी अभियंता प्रेम प्रकाश महावर को दो ठेकेदारों के साथ रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. रिश्वत की राशि उसने एक ठेकेदार के 12 लाख 60 हजार रुपए के बिल को पास करने की एवज में ली थी. इंस्पेक्टर नीरज भारद्वाज ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया. इस दौरान गांधीनगर, चित्तौड़गढ़ के दो ठेकेदार शैलेंद्र शर्मा और पंकज गौड़ को भी पकड़ा था. एसीबी की टीम ने तीनों ही आरोपियों को उदयपुर स्थित विशेष न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए गए हैं.
वहीं एसीबी उदयपुर की टीम ने निरीक्षक हरिश्चंद्र सिंह की अगुवाई में अधिशासी अभियंता महावर के उदयपुर स्थित मकान की तलाशी ली. वहां 7 लाख 36 हजार की नगदी और 5 लाख 14 हजार 200 मूल्य के स्वर्ण आभूषण और 60 हजार मूल्य के चांदी के जेवर पाए गए.
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निरीक्षक हरीश चंद्र सिंह ने बताया कि महावर सर्चिंग के दौरान करोड़पति निकला. उसके मकान से शुद्ध प्रिया टाउनशिप कोटा में 1375 वर्ग फीट और अनंतपुरा फूटा तालाब लाडपुरा कोटा में 1500 वर्ग फीट भूखंड के अलावा उदयपुर के न्यू भूपालपुरा इलाके में 1100 वर्ग फीट के मकान से संबंधित दस्तावेज मिले हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया. इसी प्रकार उसकी पत्नी और उसके नाम 4 बैंक खाते निकले. मकान से महावर के नाम एलआईसी की 8 पॉलिसियों से संबंधित दस्तावेज भी मिले. उन्होंने बताया कि बैंक खातों को सीज किया जा रहा है.
क्या है मामला..
एंटी करप्शन ब्यूरो जयपुर इंस्पेक्टर नीरज भारद्वाज के नेतृत्व में बुधवार को इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. एक ठेकेदार द्वारा जयपुर मुख्यालय पर अधिशासी अभियंता प्रेम प्रकाश महावर के खिलाफ शिकायत दी गई थी. शिकायत में बताया गया था कि उसने करीब 13 लाख रुपए का काम किया और 12 लाख 60 हजार के बिल के भुगतान की एवज में अधिशासी अभियंता महावर द्वारा कमीशन की मांग की जा रही है. इन बिलों के भुगतान के बदले में 10 हजार 500 बतौर कमीशन मांगा गया है और 40 हजार का भुगतान कर दिया गया है.
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एसीबी इंस्पेक्टर भारद्वाज ने बताया कि सत्यापन के दौरान 40,000 लेने के साथ शेष राशि 65,000 बुधवार को देना तय हुआ था. उसी के तहत परिवादी ठेकेदार महावर के दफ्तर पहुंचा जहां महावर के ऑफिस में दो व्यक्ति मिले. उनमें से एक ने परिवादी से 65,000 की नगदी ले ली और अपने साथी को थमा दी. जिसके बाद एसीबी ने अभियंता को गिरफ्तार कर लिया था.