बांसवाड़ा. जिले के महात्मा गांधी चिकित्सालय में एक महिला का 2 दिनों से इलाज चल रहा था. इसी बीच डूंगरपुर प्रशासन ने सूचना दी कि महिला को जिस एंबुलेंस से लाया गया था, वह डूंगरपुर में कोरोना पॉजिटिव पाए गए मरीजों को आइसोलेशन वार्ड तक पहुंचाने के काम ली गई थी. इस सूचना के बाद अस्पताल प्रशासन ने एहतियातन 5 डॉक्टर और 15 नर्सिंगकर्मियों को आइसोलेट कर दिया. साथ ही फीमेल वार्ड लॉक कर दिया गया. हालांकि, महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद नर्सिंग स्टाफ ने राहत की सांस ली.
बता दें कि जिले के निठाउवा निवासी एक महिला को शुक्रवार सुबह महात्मा गांधी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया. महिला की तबीयत जहरीला पदार्थ खाने से अधिक बिगड़ गई थी. उसका उपचार चल रहा था की शनिवार शाम डूंगरपुर प्रशासन की सूचना मिली की उक्त महिला कोरोना संदिग्ध हो सकती है. महिला को जिस एंबुलेंस से बांसवाड़ा चिकित्सालय लाया गया, 1 दिन पहले उसी एंबुलेंस से आसपुर के पाड़ा सोलंकी गांव के कोरोना पॉजिटिव बाप-बेटे को ले जाने के काम में लिया गया था. इस सूचना के बाद महिला का उपचार करने वाले चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों के अलावा आसपास के मरीज भी टेंशन में आ गए. एतिहायत के तौर पर संक्रमण फैलने की आशंका में महिला वार्ड को लॉक कर दिया गया.