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बांसवाड़ा: व्यापारियों ने सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन, रेड जोन से बाहर रखने की मांग - banswara news

बांसवाड़ा में व्यापारियों के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान व्यापारियों की मांग है कि कुशलगढ़ में कोरोना संक्रमितों की संख्या ज्यादा है. ऐसे में बांसवाड़ा को रेड जोन से बाहर रखा जाए, जिससे कारोबार चल सकें.

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व्यापारियों ने ज्ञापन के जरिए लगाई राहत की गुहार

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Published : Apr 29, 2020, 6:32 PM IST

बांसवाड़ा. लॉकडाउन के दौरान व्यापार-व्यवसाय में आ रही समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर बांसवाड़ा चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के बैनर तले व्यापारियों का एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलेक्टर से मिला और उन्हें अपनी मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. व्यापारियों की मांग है कि कुशलगढ़ में संक्रमित लोगों की संख्या के आधार पर पूरे जिले को रेड जोन में मान लिया गया है. जबकि कुशलगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर है. बांसवाड़ा शहर को रेड जोन से बाहर निकालते हुए व्यापार-व्यवसाय के लिए रियायतें दी जानी चाहिए.

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संगठन के अध्यक्ष सुनील दोसी, महामंत्री अजीत कौशिक और महावीर वोहरा ने सरकार को भेजे गए अपने ज्ञापन में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मॉडिफाई लॉकडाउन में सरकार द्वारा व्यापारियों को कई प्रकार की छूट दी गई है. लेकिन, बांसवाड़ा में रेड जोन के कारण व्यापारियों को नुकसान हो रहा है. संगठन ने कहा कि कुशलगढ़ हॉट स्पॉट माना गया है. लेकिन, बांसवाड़ा से यह काफी दूरी पर है. इस दूरी को देखते हुए बांसवाड़ा को रेड जोन के दायरे से बाहर माना जाए. नई गाइडलाइन में बाजार खोलने का समय निर्धारित नहीं होने के कारण व्यापारी असमंजसता का शिकार हैं. सुबह 8 से शाम 4 बजे तक बाजार खोलने का समय निश्चित किया जाए.

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व्यापारियों ने ज्ञापन में कहा कि बाजार खुलने के दौरान अपने निवास से प्रतिष्ठान तक आने जाने के लिए वाहन ले जाने की परमिशन दी जाए. उद्योग के साथ-साथ बाजारों का खुलना भी आवश्यक है, क्योंकि औद्योगिक उत्पादन बाजारों के माध्यम से ही खुदरा और थोक व्यापारियों तक पहुंचता है.

40 दिन से लॉकडाउन को देखते हुए बिजली बिल मीटर की बजाए औसत आधार पर वसूला जाए ताकि समाज के हर तबके को इसका लाभ मिल सके. इस दौरान जिला कलेक्टर कैलाश बैरवा ने संगठन के पदाधिकारियों को मुख्यमंत्री तक उनकी मांगे पहुंचाने का आश्वासन दिया और कहा कि वे खुद उनकी वाजिब समस्याओं पर उचित कदम उठाएंगे.

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