बांसवाड़ा. 2017 में अरथुना थाना क्षेत्र में घटित सुभाष चंद्र हत्याकांड के मामले में सोमवार को सत्र न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया. पीठासीन अधिकारी फूल सिंह तोमर ने इस जघन्य हत्याकांड में मृतक के चचेरे भाई और उसके बहनोई को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही दोनों पर जुर्माना भी लगाया गया. इस जघन्य हत्याकांड को लेकर पुलिस काफी पशोपेश में पड़ गई थी. हत्यारे घर के ही थे लेकिन परिवार के लोग प्रतिद्वंदी खेमे की ओर इशारा कर रहे थे. ऐसे में गहन जांच के बाद पुलिस मामले की तह तक पहुंच पाई.
मामला डूंगर गांव निवासी 17 वर्षीय सुभाष चंद्र का है. वह 10 नवंबर 2017 को सुबह नित्यकर्म के लिए निकला था पर वह शाम तक घर नहीं लौटा. परिजनों ने तलाश के दौरान उसका मोबाइल और चप्पल बिना मुंडेर के कुएं के पास मिली. कुएं की तलाशी करने पर उसमें सुभाष की लाश पाई गई. जिसके शरीर पर चोटों के निशान थे. लोक अभियोजक जगपाल सिंह डाबी ने कोर्ट को बताया कि घटना के 12 दिन बाद मृतक के पिता ने पुलिस को रिपोर्ट दी. इसके बाद उसने गांव के ही वीरा, नारायण सहित चार जनों के खिलाफ फिर से नामजद रिपोर्ट पुलिस को दी. पुलिस की पूछताछ में इन लोगों की कोई भूमिका सामने नहीं आई.