बांसवाड़ा.प्रदेश में हाल ही में नवगठित राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग का फोकस मुद्दों के निस्तारण के साथ प्रीवेंटिव रहेगा. इसका मुख्य उद्देश्य बाल अपराध से संबंधित मामलों की संख्या में कमी लाना रहेगा.
बाल अपराधों में कमी लाने पर रहेगा जोर : राज्य बाल संरक्षण आयोग
राजस्थान राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉक्टर शैलेंद्र पंड्या और डॉक्टर विजेंद्र सिंह सोमवार को विभागीय कामकाज की समीक्षा के लिए बांसवाड़ा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि अब तक कई आयोग आए हैं और मुद्दों के आधार पर अपना काम करते रहे हैं, लेकिन हम इसके साथ बाल अपराध से संबंधित मामलों की संख्या में कमी लाने के लिए प्रीवेंटिव अप्रोच का रुख अपनाएंगे.
आयोग के सदस्य डॉक्टर शैलेंद्र पंड्या और डॉक्टर विजेंद्र सिंह सोमवार को बाल संरक्षण से संबंधित विभागीय कामकाज की समीक्षा के लिए बांसवाड़ा पहुंचे. इस दौरान डॉ पंड्या ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि आयोग का हाल ही में गठन हुआ है. हमने आयोग की पहली बैठक में कुछ नया करने का प्लान किया है. अब तक कई आयोग आए हैं और मुद्दों के आधार पर अपना काम करते रहे हैं, लेकिन हम इसके साथ बाल अपराध से संबंधित मामलों की संख्या में कमी लाने के लिए प्रीवेंटिव अप्रोच का रुख अपनाएंगे.
उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बातचीत कर समन्वय से कामकाज करवाने का प्रयास करेंगे. बांसवाड़ा में बाल श्रम से संबंधित कुछ समस्याएं आई हैं, जिनको हमने संज्ञान में लिया है. डॉक्टर पांड्या के अनुसार आदिवासी बहुल इस क्षेत्र की यह प्रमुख समस्या है, जिसके निस्तारण के लिए हर कदम उठाया जाएगा. जिला प्रशासन को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए थी. जिला बाल कल्याण समिति द्वारा कुछ मामलों पर कदम भी उठाया गया. हमारा प्रयास रहेगा कि समस्या की मूल जड़ पर जाकर उसका निस्तारण किया जाए.