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बांसवाड़ा कुशलगढ़ में बेटे का हत्यारा पिता जंगल से गिरफ्तार, शक और दखल ने बर्बाद कर दिया घर

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Published : Dec 6, 2020, 2:05 PM IST

बांसवाड़ा जिले के कुशलगढ़ उपखंड के पाटन थाना क्षेत्र में टोपीदार बंदूक से फायर कर बेटे की जान लेने के मामले का हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. आरोपी और उसकी पत्नी दोनों एक दूसरे पर शक करते थे. इसके चलते आए दिन मारपीट पर बेटे का दखल पिता को नागरवार गुजरा और नशें में उसने बेटे की हत्या कर डाली.

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बांसवाड़ा कुशलगढ़ में बेटे का हत्यारा पिता जंगल से गिरफ्तार, शक और दखल ने बर्बाद कर दिया घर

कुशलगढ़ (बांसवाड़ा). जिले के कुशलगढ़ उपखंड के पाटन थाना क्षेत्र में टोपीदार बंदूक से फायर कर बेटे की जान लेने के मामले का हैरान करने वाला खुलासा हुआ है. पोते-पोती भले ही हो गए, लेकिन आरोपी और उसकी पत्नी दोनों एक दूसरे पर शक के शिकार थे. इसके चलते आए दिन मारपीट पर बेटे का दखल पिता को नागरवार गुजरा और नशे में उसने हत्या कर डाली. यह तथ्य थानाधिकारी रमेशचंद्र मीणा के नेतृत्व में टीम द्वारा राणगा के जंगल से आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ में सामने आई.

थानाधिकारी ने बताया कि जोगड़ीमाल में गुरुवार रात हुई वारदात से बुरी तरह घायल 24 वर्षीय रमणलाल मईड़ा की दूसरे दिन तड़के मौत की सूचना पर आरोपी पिता नाथू पुत्र नागजी मईड़ा भाग छूटा मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर पोस्टमार्टम किया. इसके बाद पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सिंह सागर के निर्देश पर पुलिस उपाधीक्षक संदीप सिंह शक्तावत के पर्यवेक्षण में आरोपी की धरपकड़ के लिए टीम बनाई गई.

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टीम ने मुखबीर के जरिए मिली इत्तला पर आरोपी नाथू को राणगा के जंगल में तलाश किया. इसके संकेत पर आरोपी ने भागने का प्रयास किया, तो ग्रामीणों की सहायता से उसे घेरकर पकड़ा गया. टीम में हेड कांस्टेबल नारायण सिंह, सतीश कुमार, गौतम लाल, हितेश कुमार एवं शंभूलाल शामिल थे.

पूछताछ में एक -दूसरे के खिलाफ थाना अधिकारी ने बताया कि थाने में लाकर पुलिस ने 45 वर्षीय आरोपी नाथू से पूछताछ की तो उसने पत्नी पर शंका होना बताया. दूसरी ओर उसकी पत्नी ने नाथू के चरित्र पर शंका जताई. और बताया कि उल्टा दोष मढ़कर आए दिन मारपीट करने पर उसे कई बार पड़ोसियों के घर शरण लेनी पड़ी.
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तीन बच्चों की शादी और उनके बच्चे हो चुके होने के बाद इस तरह की बात से मनमुटाव और हत्या किस हद तक जाना पुलिस की समस्या से परे है. उधर आरोपी नाथू ने स्वीकार किया कि इस बात को लेकर वह जब-तब पत्नी से मारपीट करता था और हर बार बड़ा बेटा रमण बीच में आ जाता था.

घटना की दिन भी वही हुआ तो उसका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया. फिर बचने के लिए रमण परिजनों के साथ उसकी मां को भी नोतरे में ले गया तो उसका दिमाग और फिर गया. उसने रात 2 बजे तक इंतजार किया और जैसे ही पहले रमण ही सामने आया कि उसने बंदूक से फायर कर गोली मार दी.

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