बांसवाड़ा. जिले में वन्यजीव आकलन का कार्य हुआ. देर रात आंधी-तूफान के कारण भी वन्यजीव गणना के कार्य में थोड़ी परेशानी नजर आई. इस बार किसी भी साइट पर पैंथर खुले रूप से सामने नहीं आया. लेकिन दहाड़ और पग मार्क के आधार पर पैंथर के संकेत जरूर मिले हैं.
अंधेरा छाए रहने के कारण वन्य जीव असेसमेंट करने वाले लोगों को निराशा हाथ लगी. हालांकि सियार, लोमड़ी, लंगूर, मोर जैसे जानवर देखे गए. वन्यजीव असेसमेंट के दौरान जिले में 4 स्थानों पर पैंथर की उपस्थिति के संकेत मिलने से वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के चेहरे पर खुशी नजर आई.
79 वाटर कॉल किए गए हैं चिन्हित
वन्यजीवों के आकलन के लिए वन विभाग ने जिले के 61 खंडों में 79 वाटर कॉल चिन्हित किए हैं और वहां पर वन्यजीव प्रेमियों के साथ विभागीय कर्मचारी लगाए गए हैं. ईटीवी भारत की टीम बांसवाड़ा वनखंड में आने वाले भंडारिया हनुमान साइट पर पहुंची. यहां फॉरेस्ट गार्ड के साथ 3 लोगों की टीम एनीकट और उसके आसपास दूरबीन से अपनी नजरें गड़ाए हुए नजर आई. यह साइट पैंथर के इलाके के रूप में पहचाना जाता है और यहां के अधिकतर पैंथर एनीकट पर पानी पीने भी आते हैं.
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साइट पर वाहनों और अन्य लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित रखी गई, क्योंकि हल्की सी आवाज से ही पैंथर और अन्य वन्यजीवों अपना मूवमेंट चेंज कर सकते हैं. ऐसे में यह टीम चुपचाप अपने काम में जुटी नजर आई. मोर, बंदर, नीलगाय जैसे जानवर एनीकट पर पानी पीने पहुंचे. लेकिन असेसमेंट पीरियड में इस बार पैंथर ने दूरी बनाए रखी. हालांकि टीम में शामिल लोगों की ख्वाहिश पैंथर को देखने की थी. बता दें कि बीते साल मंदिर के पास दो पैंथर पहुंचे थे. इसलिए इस मंदिर वाली जगह पर वन्यजीव प्रेमियों की खासी नजर थी.