बांसवाड़ा. राज्य सरकार द्वारा गौ संरक्षण और संवर्धन अधिनियम 2016 में किए गए संशोधन को लेकर संत समाज आंदोलन की राह पर है. संतों के सानिध्य में गौशाला मंडल और गौ भक्त सरकार के नाम लगातार ज्ञापन के जरिए बतौर आंदोलन चला रहे हैं. अपने इस आंदोलन के दूसरे चरण में अब जनप्रतिनिधियों के जरिए विश्व हिंदू परिषद ने सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने का अभियान हाथ में लिया है. बांसवाड़ा में गढ़ी विधायक कैलाश मीणा के जरिए इसकी शुरुआत की गई.
विश्व हिंदू परिषद राजस्थान के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने शनिवार को भारत माता मंदिर प्रांगण में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अधिनियम के नुकसान और इस संबंध में चलाए जा रहे अभियान के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि राजस्थान स्टांप अधिनियम 1988 की धारा 36 के अधीन संग्रहित अधिकार से प्राप्त राशि का गौ माता और उसकी नस्ल के संरक्षण और संवर्धन के उपयोग में लिया जा रहा था, लेकिन अधिनियम में संशोधन करते हुए आपदा को भी जोड़ दिया गया है. जिससे गौशालाओं तक अनुदान पहुंचना मुश्किल हो सकता है.
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ऐसे में हमारी मांग है कि इस संशोधन को निरस्त कर 10 प्रतिशत राशि पूर्ववत गौ संरक्षण के लिए ही रखी जाए. इसके साथ ही संगठन अनुदान राशि के दिनों की संख्या बढ़ाने, अनुदान के लिए 2 साल के पंजीकरण और 200 गोवंश की बाध्यता खत्म करने और गोचर भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना चाहता है.