बांसवाड़ा. NH 113 प्रतापगढ़ से छोटी सादड़ी मार्ग पर 8 किमी का सड़क मार्ग अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. सड़क पर डामर के स्थान पर गिट्टी और मिट्टी निकल आई है. वाहन चलने से दिन भर इस रोड पर मिट्टी के गुब्बार उड़ेते नजर आते हैं. सड़क की ऐसी हालत के कारण अब वाहन चालक की जान पर बन आई है लेकिन जिम्मेदार टैक्स वसूली तो कर रहे हैं लेकिन सड़क निर्माण के नाम पर आंखें मूंदे बैठे हैं.
8 साल से बदहाल छोटी सादड़ी मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण या राज्य राजमार्ग प्राधिकरण पर वाहनों से टैक्स वसूला जाता है. वाहन चालक जब टैक्स चुकाता है तो प्राधिकरण सर्व सुविधा युक्त सड़क मार्ग उपलब्ध कराता है लेकिन छोटी सादड़ी मार्ग पर 8 किलोमीटर की सड़क का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है. प्राधिकरण की लापरवाही का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 3 साल पहले ही वन विभाग ने भूमि अधिग्रहण की अनुमति दे दी लेकिन अधिकारी भूमि अधिग्रहण की कार्रवाई को आगे बढ़ाने की बजाय आदेश पर कुंडली मारे बैठे हैं.
प्रतिदिन लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे
वहीं सड़क की बदहाली के कारण अब वाहन चालको प्रतिदिन दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं. सड़क पर आने-जाने में भी अधिक समय लग रहा है. इसे लेकर क्षेत्र के लोगों में भी नाराजगी साफ देखी जा सकती है.
सड़कों पर मिट्टी के कारण उड़ता रहता है धूल का गुब्बार हालत यह है कि इस अधूरे सड़क मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे निकल आए. डामर उखड़ने के साथ ही मिट्टी और कितनी निकल आई. इसके चलते दिन भर यहां मिट्टी के गुब्बार उड़ते दिखाई देते हैं जिससे कई बार आगे आने वाले वाहन तक नजर नहीं आते और वाहन दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. सड़क किनारों का लेवल तक नहीं है. सड़क मार्ग और सर्विस लाइन के बीच अंतर होने के कारण साइड देने के प्रयास में भी वाहन पलट जाते हैं.
बरसात में बढ़ जाती है मश्किलें
सबसे मुश्किल बारिश के दौरान होती है. हालात और बदतर हो जाते हैं. बड़े-बड़े गड्ढों के कारण वाहन फंस जाते हैं. इस कारण सड़क मार्ग पर जाम की स्थिति हो जाती है.
टोल वसूली गहलोत के मंत्री के पास
टोल वसूली का काम चेतक इंटरप्राइजेज नामक फर्म कर रही है, जोकि सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना की फर्म है. प्राधिकरण द्वारा प्रतापगढ़ से चित्तौड़गढ़ वाया निंबाहेड़ा का यह पूरा निर्माण कार्य मंत्री आंजना की चेतक एंटरप्राइजेज फार्म को दिया गया था. साल 2012- 13 में निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही कंपनी द्वारा प्रतापगढ़ के पास सिद्ध पुरा और निंबाहेड़ा के पास नाके लगाकर टोल वसूली प्रारंभ कर दी गई.
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प्राधिकरण के अनुसार निर्माण कार्य के दौरान भूतिया घाटी से भैरव घाटी तथा धोलापानी थाने से बरोल तक करीब 8.4 किलोमीटर तीन टुकड़ों का निर्माण कार्य छोड़ दिया गया क्योंकि वन विभाग से भूमि अधिग्रहण की मंजूरी नहीं मिल पाई. नतीजा यह निकला की भूतिया घाटी से बारावरदा तक और धोलापानी के आसपास करीब साढे 3 किलोमीटर का टुकड़ा सिंगल रोड से आगे नहीं बढ़ पाया.
सड़क खस्ताहाल टोल वसूली पूरी शिकायत पर सुनवाई नहीं
लोगों का कहना है कि इस रोड को लेकर जब शिकायत की जाती है तो टोल के कर्मचारी उल्टा उन्हें डांट डपट कर रवाना कर देते हैं. जब सड़क मार्ग ही अधूरा है तो फिर पूरी टोल वसूली कैसे की जा सकती है.
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सबसे आश्चर्य जनक यह है कि पहले प्राधिकरण वन भूमि को लेकर बहाने बना रहा था. जबकि नवंबर 2017 में वन विभाग अपनी मंजूरी दे चुका है. इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी सड़क के टुकड़े के निर्माण को लेकर आंखें मूंदे बैठे हैं.
सड़क पर गिट्टिया भी बाहर निकली अधिशासी अभियंता ने कहा शीघ्र होगा निर्माण
इस संबंध में ईटीवी भारत ने बांसवाड़ा खंड कार्यालय के अधिशासी अभियंता आर एस बेरवा से संपर्क किया तो उन्होंने सफाई दी कि कुछ माह पहले ही पदभार संभाला है. यहां आने के साथ ही उन्होंने प्रपोजल सरकार को भेजा. केंद्र सरकार ने 8 किलोमीटर 400 मीटर के इस टुकड़े के निर्माण के लिए 14 करोड़ रूपए की मंजूरी प्रदान कर दी. इसकी चौड़ाई साढे 5 मीटर से बढ़ाकर 7 मीटर की जाएगी. इसकी टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है और शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू होगा.