बांसवाड़ा. गरीब और जरूरतमंदों के लिए दान पुण्य की खबरें हमारे सामने आती रहती है. कोई नगदी के रूप में सहायता पहुंचाता है तो कोई खानपान की सामग्री कपड़े के रूप में मदद करता है. उदयपुर के कॉलेज संचालक ने पुस्तक दान कर एक नया उदाहरण पेश किया है. यह दान भी कोई लाख दो लाख रुपए का नहीं है, बल्कि पूरा ट्रक बांसवाड़ा के सरकारी कॉलेज भेज दिया. इन किताबों की कीमत करीब 27 लाख रुपए से अधिक बताई जा रही है. पुस्तक दान की उनकी यह पहल क्षेत्र के इंजीनियरिंग छात्र-छात्राओं के लिए काफी मददगार होगी, क्योंकि अधिकांश पुस्तकें काफी महंगी है और हर विद्यार्थियों के लिए खरीदना मुश्किल है.
उदयपुर का सनराइज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बंद हो चुका है. कॉलेज की लाइब्रेरी पुस्तकों के लिहाज से काफी समृद्ध थी, लेकिन कॉलेज बंद होने के बाद उनका कोई उपयोग नहीं हो रहा था. बांसवाड़ा के इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने किताबों की कमी एक मुख्य समस्या बनकर सामने आ रही थी. इस बारे में जानकारी मिलने पर बांसवाड़ा के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शिवलाल ने सनराइज कॉलेज के संचालक हरीश राजानी से संपर्क किया और उनके समक्ष विद्यार्थियों की इस समस्या को रखा. राजानी ने आदिवासी अंचल के बच्चों की समस्या को देखते हुए कॉलेज के प्रस्ताव को मान लिया और पुस्तकों से भरा ट्रक बांसवाड़ा भिजवा दिया.