राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

उदयपुर के निजी कॉलेज संचालक ने बांसवाड़ा के सरकारी कॉलेज को दान की 27 लाख की पुस्तक - पुस्तक दान

उदयपुर का सनराइज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के संचालक ने पुस्तक दान कर एक नया उदाहरण पेश किया है. उन्होंने बांसवाड़ा के सरकारी कॉलेज को यह पुस्त दान किया है. इन किताबों की कीमत करीब 27 लाख रुपए से अधिक बताई जा रही है. ये सभी किताब इंजीनियरिंग विषय के हैं.

Banswara news, book donated, Engineering college
निजी कॉलेज संचालक ने बांसवाड़ा के सरकारी कॉलेज को दान की 27 लाख रुपए की पुस्तक

By

Published : Aug 18, 2020, 4:18 PM IST

बांसवाड़ा. गरीब और जरूरतमंदों के लिए दान पुण्य की खबरें हमारे सामने आती रहती है. कोई नगदी के रूप में सहायता पहुंचाता है तो कोई खानपान की सामग्री कपड़े के रूप में मदद करता है. उदयपुर के कॉलेज संचालक ने पुस्तक दान कर एक नया उदाहरण पेश किया है. यह दान भी कोई लाख दो लाख रुपए का नहीं है, बल्कि पूरा ट्रक बांसवाड़ा के सरकारी कॉलेज भेज दिया. इन किताबों की कीमत करीब 27 लाख रुपए से अधिक बताई जा रही है. पुस्तक दान की उनकी यह पहल क्षेत्र के इंजीनियरिंग छात्र-छात्राओं के लिए काफी मददगार होगी, क्योंकि अधिकांश पुस्तकें काफी महंगी है और हर विद्यार्थियों के लिए खरीदना मुश्किल है.

निजी कॉलेज संचालक ने बांसवाड़ा के सरकारी कॉलेज को दान की 27 लाख रुपए की पुस्तक

उदयपुर का सनराइज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी बंद हो चुका है. कॉलेज की लाइब्रेरी पुस्तकों के लिहाज से काफी समृद्ध थी, लेकिन कॉलेज बंद होने के बाद उनका कोई उपयोग नहीं हो रहा था. बांसवाड़ा के इंजीनियरिंग कॉलेज के सामने किताबों की कमी एक मुख्य समस्या बनकर सामने आ रही थी. इस बारे में जानकारी मिलने पर बांसवाड़ा के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शिवलाल ने सनराइज कॉलेज के संचालक हरीश राजानी से संपर्क किया और उनके समक्ष विद्यार्थियों की इस समस्या को रखा. राजानी ने आदिवासी अंचल के बच्चों की समस्या को देखते हुए कॉलेज के प्रस्ताव को मान लिया और पुस्तकों से भरा ट्रक बांसवाड़ा भिजवा दिया.

यह भी पढ़ें-हत्या या खुदकुशी: करौली में एक ही परिवार के 4 लोगों की रहस्यमयी मौत

इनमें मुख्यतः इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल और कंप्यूटर ट्रेड संबंधी पुस्तकें शामिल है. एक साथ करीब आठ हजार किताबें लाइब्रेरी पहुंची, तो कॉलेज प्रबंधन की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. प्रबंधन द्वारा फिलहाल इन किताबों की काउंटिंग के साथ रिकॉर्ड पर लिया जा रहा है. पिछले 10 दिन से कर्मचारी अपने इस काम में जुटे हैं. इस बारे में प्रिंसिपल डॉ. शिवलाल का कहना है कि किसी व्यक्ति द्वारा लाखों रुपए की पुस्तकों का दान संभवत: राजस्थान में यह पहला उदाहरण है. राजानी का यह दान क्षेत्र के इंजीनियरिंग छात्र छात्राओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होगा. हमारे पास लाइब्रेरी में व्याप्त पुस्तकों का स्टॉक हो चुका है और हर विद्यार्थी को जरूरी पुस्तकें उपलब्ध कराई जा सकेगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details