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बांसवाड़ाः खड़ी बसों पर परिवहन टैक्स वसूलने पर भड़के ऑपरेटर, RC सरेंडर के लिए पहुंचे DTO - राजस्थान न्यूज

बांसवाड़ा में सरकार द्वारा परिवहन टैक्स वसूले जाने पर निजी बस ऑपरेटर भड़क गए और गुरुवार को बसों के साथ डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिस पहुंचकर नारेबाजी करने लगे. साथ ही उन्होंने सरकार की इस नीति के विरोध में बसों की आरसी सरेंडर करने को लेकर जिला परिवहन अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा है.

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बांसवाड़ा में बस ऑपरेटरों ने डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिस पर किया विरोध प्रदर्शन

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Published : Jun 4, 2020, 5:26 PM IST

बांसवाड़ा. कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन के दौरान परिवहन सेवाएं बंद रही. इसके बावजूद सरकार द्वारा परिवहन टैक्स वसूले जाने पर निजी बस ऑपरेटर भड़क गए और गुरुवार को बसों के साथ डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिस पहुंचकर नारेबाजी करने लगे.

उनका कहना था कि, जब बसों का संचालन ही नहीं हुआ तो, सरकार टैक्स किस बात का वसूल रही है. लॉकडाउन पीरियड का टैक्स निरस्त करने और बीमा अवधि बढ़ाए जाने सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में ऑपरेटरों ने नारेबाजी की. साथ ही सरकार की इस नीति के विरोध में बसों की आरसी सरेंडर करने को लेकर जिला परिवहन अधिकारी को सरकार के नाम मांग पत्र सौंपा. जिसपर परिवहन अधिकारी ने उनकी मांगों से सरकार को अवगत कराने का आश्वासन दिया.

बांसवाड़ा में बस ऑपरेटरों ने डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिस पर किया विरोध प्रदर्शन

बस ऑपरेटरों ने कहा कि, पिछले 2 महीने से अधिक समय से स्टेज और स्टेज और कांटेक्ट कैरिज दोनों ही प्रकार की निजी बसें अपने स्थान से हिली तक नहीं है. जब रोड पर बसें ही नहीं चली तो, सरकार किस आधार पर उनसे टैक्स वसूल रही है. वैसे ही बसों के बंद रहने से बस ऑपरेटरों की हालत खस्ता हो चली है. बसों की किस्तों के अलावा ऑफिस भाड़ा और स्टाफ का खर्चा उठाना भी भारी पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में बस संचालन उनके लिए मुश्किल हो गया है और वे लोग आरसी सरेंडर करना चाहते हैं. बस ऑपरेटरों ने यहां अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी भी की. बाद में बस एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम कुमार, स्टेज कैरिज बस एसोसिएशन के अध्यक्ष राम सिंह और मुजफ्फर हुसैन आदि ने डीटीओ अभय मुद्गल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया. डीटीओ ने उदयपुर आरटीओ के जरिए उनका मांग पत्र सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.

बस ऑपरेटरों ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

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ऑल इंडिया कांटेक्ट कैरिज बस एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष प्रेम कुमार ने बताया कि, जिले में संचालित होने वाली दोनों ही प्रकार की करीब साढ़े 3 सौ बसें लॉकडाउन के बाद से ही बंद पड़ी हैं. ऐसे में उनका भारी भरकम टैक्स चुकाना बस ऑपरेटरों के लिए संभव नहीं है. वैसे भी रोडवेज ट्रैफिक को देखते हुए दीपावली तक बसों का संचालन करना घाटे का सौदा साबित होगा. इन स्थितियों को देखते हुए सरकार को टैक्स माफी के साथ-साथ निजी बस ऑपरेटरों के लिए पैकेज घोषित करना चाहिए. एसोसिएशन के सदस्य मुजफ्फर हुसैन ने कहा कि, सरकार ने 3 दिन का समय मांगा है. इस दौरान यदि कोई राहत नहीं दी जाती तो, ऑपरेटर अनिश्चितकालीन चक्का जाम को बाध्य होंगे.

पुलिस ने स्थिति को किया नियंत्रण...

गुरुवार दोपहर में शहर के निजी बस ऑपरेटर बसों के साथ डीटीओ ऑफिस पहुंचे तो, सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और डीटीओ ऑफिस का प्रवेश द्वार बंद कर दिया. ऑफिस के दोनों ही और बसों की लंबी-लंबी कतारें लग गई और जाम जैसे हालात बन गए. जिसके बाद पुलिस बल को स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी.

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