बांसवाड़ा. जिले में रहने वाली स्वाति जैन इन्हें पैड वुमन के नाम से भी जाना जाता है. स्वाति जैन वैसे तो कई अन्य सामाजिक कार्यों को भी अंजाम दे रही है लेकिन जो खास है वह है महिलाओं की जिंदगी सवांरना. महावारी के दौरान ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं की शर्मिंदगी, सामाजिक भेदभाव, समाज में महावारी को लेकर झिझक को दूर करने के लिए स्वाति गांव-गांव जाकर महिलाओं को जागरूक कर रही हैं. यही नहीं नि:शुल्क सेनेटरी पैड बांट कर इसका महत्व भी बता रही है..और अब तक करीब 4 हजार महिलाओं को घर पर ही सेनेटरी पैड बनाने का प्रशिक्षण दे चुकी हैं.
स्वाति कहती हैं कि ज्यादातर महिलाओं को महावारी के दौरान घर में ही उन्हें भेदभाव का शिकार होना पड़ता है. उन पर कई तरह की पाबंदिया लगा दी जाती है. लेकिन इसकी वजह से महिलाओं को भायावह परिणाम झेलने पड़ते हैं. महावारी के दौरान एक ही कपड़े को बार-बार और गंदे कपड़े के उपयोग से कैंसर सहित कई संक्रामक रोग महिलाओं को हो सकते हैं.
अपनी सामाजिक संस्था स्पर्श के जरिए स्वाति ने महिलाओं को महावारी के दौरान इस्तेमाल होने वाले सेनेटरी पैड का महत्व बताया लेकिन उनकी इस राह में सबसे बड़ी दिक्कत फंड की थी. स्वाति ने स्पर्श के मार्फत अपने साथियों से फंड जुटाया और मार्केट से सेनेटरी पैड की खरीदारी करते हुए ग्रामीण महिलाओं तक पहुंचाया. इसके साथ ही महिलाओं को सेनेटरी पैड की खूबियों से भी अवगत कराया. सेनेटरी पैड बनाने का तरीका सीखा और करीब अब तक 4 हजार महिलाओं को बनाने का तरीका सिखा चुकी हैं.
- स्वाति ने गूगल से सीखा है सेनेटरी पैड बनाने का तरीका
- सेनेटरी पैड को फेनालिन कॉटन से तैयार किया जाता है
- फेनालिन कॉटन सॉफ्ट, सुरक्षित और हाइजेनिक होता है