बांसवाड़ा.रबी सीजन के लिए काश्तकारों को ऋण वितरण किया जा रहा है. जिसका काम नवंबर महीने से शुरू हो गया है. ऋण माफी योजना में बड़ी संख्या में फर्जी तरीके से लोन उठाए जाने के मामले सामने आने के बाद इस बार ऋण वितरण का यह पूरा कार्य ऑनलाइन रखा गया है.
नए काश्तकारों को फसली ऋण की जानकारी नहीं बता दें, कि बांसवाड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अंतर्गत विभिन्न ग्राम सेवा सहकारी समितियों में करीब 50 हजार किसान पंजीकृत हैं. नए लोन के लिए किसानों से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे. किसानों ने अपने स्तर पर ही आधार और जरूरी दस्तावेज के साथ अपने-अपने क्षेत्रों से ही ई-मित्र के जरिए ऑनलाइन आवेदन किए थे. करीब 90 प्रतिशत से अधिक किसानों ने ऋण के लिए आवेदन किया. जिन्हें 15 हजार से लेकर 20 हजार तक का कर्ज दिया गया.
28,972 किसानों को 63 करोड़ 75 लाख रुपए ऋण
दिसंबर के अंत तक कुल 28,972 किसानों को 63 करोड़ 75 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत करते हुए सहकारी समितियों के जरिए उनके खातों में राशि ट्रांसफर की गई. अब भी 21 हजार किसान ऋण के लिए आवेदन कर चुके हैं और ऋण स्वीकृत प्रक्रिया चल रही है.
किसानों को नहीं जानकारी
ईटीवी भारत ने कुछ किसानों से बातचीत की तो ऋण वितरण की अलग ही कहानी सामने आई. बस्सी गांव के किसान दयाराम का कहना है, कि हमें ऋण वितरण की जानकारी तक नहीं दी जाती. इस कारण इसका फायदा नहीं उठा पाते. समिति के लोग अपने ही परिचितों को ऋण बांटकर औपचारिकता पूरी कर देते हैं.
वहीं किसान बहादुर का कहना है, कि समय पर हमें भी जानकारी मिले तो हम भी इसका लाभ उठा सकते हैं, लेकिन हम तक जानकारी ही नहीं पहुंचती. बोर भातोड़ गांव के नाथूराम डोडियार का कहना है, कि अबतक उन्हें इसकी जरूरत नहीं पड़ी है. जब भी आवश्यकता होगी तो आवेदन करेंगे.
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झिरनिया गांव पंचायत के सरपंच बाबूलाल के अनुसार उनके ग्राम पंचायत कतर में एक बार काश्तकारों को लोन दिया जा चुका है. कई और किसान ऋण हासिल करने की कतार में हैं. तत्कालीन मैनेजर के कारण पहले काश्तकारों को ऋण नहीं मिल पाया था, लेकिन मैनेजर के ट्रांसफर के बाद काश्तकारों को ऋण मिलना शुरू हो गया.
बांसवाड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के शाखा प्रभारी आशीष कुमार के मुताबिक, इस सीजन के दौरान करीब 100 करोड़ रुपए का ऋण बांटने का लक्ष्य है. अबतक 67 करोड़ 75 लाख रुपए स्वीकृत कर किसानों के खातों में ट्रांसफर कर दिए गए हैं.