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सांसद कनक मल कटारा ने की मोदी सरकार की प्रशंसा, कहा- सरकार जनता की भलाई के लिए लाती है अधिनियम - बांसवाड़ा न्यूज

बांसवाड़ा सांसद कनक मल कटारा का कहना है कि मोदी सरकार जनता की भलाई के लिए अधिनियम लाती है. चाहें वो तीन तलाक का मामला हो या नागरिकता संशोधन अधिनियम का, जनता पूरी तरह से मोदी सरकार के साथ है.

बांसवाड़ा न्यूज, banswara news
जनता नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में

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Published : Jan 10, 2020, 5:15 PM IST

बांसवाड़ा.डूंगरपुर-बांसवाड़ा सांसद कनक मल कटारा का मानना है कि चाहे तीन तलाक का मामला हो या नागरिकता संशोधन अधिनियम, जनता पूरी तरह से मोदी सरकार के साथ है. लेकिन, कांग्रेस सहित विपक्षियों को अपनी धरती खिसकती नजर आ रही है.

इसलिए वे लोगों को भ्रमित कर विरोध के लिए उकसा रहे हैं. इससे न केवल देश को नुकसान हो रहा है बल्कि आमजन को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सांसद कटारा ने ईटीवी भारत से अपनी विशेष बातचीत में कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.

जनता नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में

उन्होंने कहा कि जेएनयू विवाद विपक्ष द्वारा पैदा किया गया एक विवाद है, जो देश के लिए कतई ठीक नहीं कहा जा सकता. नागरिकता संशोधन अधिनियम सहित केंद्र सरकार को अपने विभिन्न फैसलों पर जिस प्रकार से आमजन का समर्थन मिल रहा है.

विपक्ष हर मुद्दे पर भ्रम फैला रहा है और लोगों को विरोध के लिए उकसा रहा है. नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध के बाद नेशनल नागरिकता रजिस्टर के मसले पर उन्होंने कहा कि जो भी देश हित के लिए आवश्यक है सरकार एक-एक कर अधिनियम ला रही है. देश की परिस्थितियों को देखकर विधेयक लाए जा रहे हैं.

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राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर से सामने आ जाएगा कि देश में कौन-कौन वास्तव में शरणार्थी है और कौन-कौन घुसपैठिए अवैध तरीके से इस देश में शरण पाए हुए हैं. बांसवाड़ा में रेल के मसले पर उन्होंने कहा कि राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने केंद्र सरकार के समक्ष आर्थिक हालात का रोना रोते हुए अपने हाथ खींच लिए हैं. मैंने खुद ने दो बार संसद में इस मुद्दे को उठाया है और रेल मंत्री पीयूष गोयल से भी बातचीत की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक भी हमारी मांग को पहुंचाया गया है.

मैंने सरकार से राज्य सरकार द्वारा सहयोग नहीं मिलने पर केंद्र स्तर पर इस प्रोजेक्ट को मंजूर करने का आग्रह किया है. पंचायत राज चुनाव के तरीके पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य सरकार येन-केन प्रकारेण पंचायत राज चुनाव में अपने प्रधान और जिला प्रमुख बनाना चाहती है.

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मुझे लगता है कि राजस्थान में पहला पंचायत का चुनाव है, जिसमें पंच सरपंचों के बाद अलग से पंचायत समिति और जिला परिषद के लिए चुनाव होंगे. इस पर व्यर्थ में करोड़ों रुपए खर्च होंगे लेकिन, सरकार को तो केवल अपने पार्टी के नुमाइंदे बैठाने हैं. उसे जनता की गाढ़ी कमाई के व्यर्थ में खर्चे होने से कोई लेना देना नहीं है. लेकिन, जनता कांग्रेस सरकार के मंतव्य को समझ चुकी है और पंचायत राज चुनाव में किसी भी प्रकार के झांसे में आने वाली नहीं है.

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