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बांसवाड़ा: माही की नहरों में पानी के मसले पर अधिकारियों व किसानों में तकरार

बांसवाड़ा में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जल वितरण समिति में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. वहीं बैठक के दौरान अधिकारियों और जनप्रतिनिधि व किसानों के बीच कुछ मसलों पर तकरार भी देखने को मिली.

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बांसवाड़ा में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में हुई बैठक

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Published : Oct 19, 2020, 8:10 PM IST

बांसवाड़ा. जिले में माही परियोजना व कमांड क्षेत्र में रबी सिंचाई के लिए नहरों में 5 नवंबर से पानी छोड़ा जाएगा. इस संबंध में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जल वितरण समिति की जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई. बैठक के दौरान अधिकारियों और जनप्रतिनिधि व किसानों के मध्य कुछ मसलों पर तकरार भी देखने को मिली.

वहीं अधिकारी इसी महीने नहरों में पानी छोड़ने का प्लान लेकर आए थे लेकिन खरीफ फसलों की कटाई का कार्य बाकी होने के साथ-साथ नहरों की सफाई का मामला उठाते हुए किसानों ने इसका जमकर विरोध किया. अंततः जिला कलेक्टर की दखल के बाद 5 नवंबर से नहरों में पानी छोड़ने पर किसान और जनप्रतिनिधि तैयार हो गए. साथ ही समिति के इस फैसले के साथ ही माही परियोजना के अधिकारी नहरों की सफाई और आवश्यक मरम्मत की तैयारियों में जुट गए हैं. शुरुआत में अतिरिक्त जिला कलेक्टर नरेश बुनकर ने बैठक के मंतव्य को सबके सामने रखा.

साथ ही माही परियोजना के अधिकारियों ने 23 अक्टूबर से पानी छोड़ने का प्रस्ताव रखा. इसके पीछे उनका तर्क था कि टेल तक पानी पहुंचाने के लिए अभी से पाटनी छोड़ना जरूरी है. वहीं अधिकारियों के इस प्रस्ताव का गढ़ी विधायक कैलाश मीणा, तलवाड़ा की पूर्व प्रधान प्रज्ञा सहित जनप्रतिनिधियों और किसानों ने जमकर विरोध किया. किसानों का कहना था कि खरीफ फसलों की अब भी पूरी तरह से कटाई नहीं हो पाई है.

साथ ही भारतीय किसान संघ के संभागीय अध्यक्ष रणछोड़ पाटीदार का कहना था कि बड़ी संख्या में काश्तकारों की फसल अब भी खेतों में पड़ी है. किसान नेता विक्रम सिंह आदि ने भी अधिकारियों पर नहरों की मरम्मत को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाया है. साथ ही जिला कलेक्टर ने कृषि विभाग के उपनिदेशक बीएल पाटीदार से अपना सुझाव मांगा है. उन्होंने भी माही परियोजना के अधिकारियों के प्रस्ताव के प्रति अपनी असहमति जताई. साथ ही जनप्रतिनिधियों और किसानों के विरोध को देखते हुए जिला कलेक्टर सिंह ने दखल दिया.

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गढ़ी विधायक अधिकारियों और किसानों के सुझाव के बीच का रास्ता निकालते हुए 5 नवंबर से पानी छोड़ने की राय दी है. अंत में एडीएम बुनकर ने किसानों से भी विधायक के सुझाव पर सहमति मांगी जिस पर सभी ने एक राय व्यक्त की है. जिला कलेक्टर ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से 5 नवंबर से पहले नहर की पूर्णता सफाई और मरम्मत करवाने के निर्देश दिए है. साथ ही उन्होंने अतिरिक्त मजदूरों के लिए अपना प्रस्ताव देने को कहा था कि जिला परिषद के जरिए नरेगा में प्रस्ताव को जल्द से जल्द स्वीकृति दिलवाई जा सके. वहीं माही परियोजना के अधीक्षण अभियंता पी आर खोईवाल ने बताया कि 5 नवंबर से नहरों में पानी छोड़ दिया जाएगा. तब तक नहरों की सफाई और मरम्मत के कार्य को युद्ध स्तर पर लिया जाएगा.

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