बांसवाड़ा. शहर में लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र मदारेश्वर महादेव मंदिर है. जहां, कभी सिर्फ 11 कांवड़िए जलाभिषेक करते थे. लेकिन, आज इनकी संख्या बढ़कर हजारों में पहुंच गई हैं. सोमवार को करीब 50,000 लोगों द्वारा जलाभिषेक किए जाने की संभावना है. इस यात्रा का संचालन मदारेश्वर कावड़ यात्रा संघ द्वारा किया जाता है. संगठन के अध्यक्ष कांतिलाल पटेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में जलाभिषेक कार्यक्रम की व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई.
मदारेश्वर महादेव मंदिर, बांसवाड़ा यह भी पढ़ें:स्पेशल स्कूल : अजमेर में रेलगाड़ी वाला स्कूल, बच्चे 'शिक्षा ट्रेन' में पढ़ पाना चाहते हैं अपनी मंजिल
बता दें, 11 अगस्त को रात 12:00 बजे से ही मंदिर में जलाभिषेक कार्यक्रम शुरू हो जाएगा, जो 12 अगस्त देर रात तक चलेगा. इस दिन सुबह से ही बांसवाड़ा शहर से हजारों लोग अपनी मन्नत को लेकर आशा और विश्वास के साथ अपने वाहनों से बेणेश्वर पहुंचेंगे, जहां सोम, जाखम और माही नदी के त्रिवेणी संगम पर यात्री स्नान कर कावड़ की पूजा करेंगे और वहां से नंगे पांव मदारेश्वर के लिए रवाना होंगे.
दरअसल, कावड़ यात्रियों का देर रात तक मंदिर तक पहुंचने का क्रम शुरू हो जाएगा. ऐसे में रविवार रात 12:00 बजे से जलाभिषेक कार्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा. इसमें 50,000 से लेकर 60,000 लोगों के शामिल होने की संभावना है. संगठन के अध्यक्ष पटेल के अनुसार कावड़ यात्रा का यह 36 वां साल है. 35 साल पहले शुरु हूई कावड़ यात्रा आज 50,000 पार कर चुकी है. कुल मिलाकर यह यात्रा आज वट वृक्ष का रूप ले चुकी है.