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बांसवाड़ा: खाद्य सुरक्षा योजना का फायदा उठा रहे सरकारी कर्मचारियों को वसूली नोटिस जारी

बांसवाड़ा जिले में करीब 4000 अपात्र लोगों की ओर से खाद्य सुरक्षा का गेहूं उठाए जाने का मामला सामने आने के बाद रसद विभाग हरकत में आ गया. दोहरे राशन कार्ड निरस्त करने के साथ ही जिला प्रशासन के निर्देश पर विभागीय अधिकारी सरकारी कर्मचारियों से राशि वसूली में जुट गए हैं. जिसके लिए सरकारी कर्मचारियों को वसूली नोटिस भी जारी किए गए हैं.

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सरकारी कर्मचारियों को वसूली नोटिस जारी

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Published : Jun 28, 2020, 4:41 PM IST

बांसवाड़ा.केंद्र सरकार की ओर से जरूरतमंद परिवारों तक रियायती दर पर गेहूं पहुंचाने की खाद्य सुरक्षा योजना लाई गई थी. इस योजना में भी संपन्न लोग सेंध मारने से बाज नहीं आए. यहां तक कि दो-दो राशन कार्ड बनवाने से भी नहीं चूके. बड़ी संख्या में लोगों ने सामान्य राशन कार्ड के अलावा खाद्य सुरक्षा योजना के राशन कार्ड भी बनवा लिए और सालों से रियायती दर पर गेहूं उठा रहे थे.

हैरान करने वाली बात यह है कि सरकारी कारिंदे भी बहती गंगा में हाथ धोने का मोह नहीं छोड़ पाए. अकेले बांसवाड़ा जिले में ही करीब 4000 अपात्र लोगों की ओर से खाद्य सुरक्षा का गेहूं उठाए जाने का मामला सामने आने के बाद रसद विभाग हरकत में आ गया. दोहरे राशन कार्ड निरस्त करने के साथ जिला प्रशासन के निर्देश पर विभागीय अधिकारी सरकारी कर्मचारियों से राशि वसूली में जुट गए हैं.

सरकारी कर्मचारियों को वसूली नोटिस जारी

मामले की तह में जाने पर गेहूं उठाने वाले अपात्र लोगों की संख्या कई गुना अधिक हो सकती है. क्योंकि विभाग की ओर से जो सूची तैयार की गई है. वह शिकायत या फिर विभाग के अधिकारियों की शंका के आधार पर खंगाले गए राशन कार्ड हैं. एक-एक राशन कार्ड की गहराई से जांच पर खाद्य सुरक्षा का गेहूं उठा रहे हजारों लोग सामने आ सकते हैं. वर्ष 2012 में तत्कालीन केंद्र सरकार की ओर से खाद्य सुरक्षा अधिनियम बनाकर योजना को धरातल पर उतारा गया.

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इसके तहत प्रति परिवार 2 किलो ग्राम की दर से 35 किलोग्राम गेहूं दिए जाने का प्रावधान किया गया. क्योंकि बांसवाड़ा जिला आदिवासी बहुल है और 75 फीसदी के करीब जनजाति वर्ग के लोग निवास करते हैं. ऐसे में बीपीएल स्टेट बीपीएल अंत्योदय सहित अन्य में आने वाले अधिकांश परिवारों को योजना में शामिल कर लिया गया. वहीं, कुछ एपीएल परिवारों को भी दायरे में लिया गया. जिले में 5,23,000 परिवारों में से 3,85,000 खाद्य सुरक्षा में शामिल किए गए.

आधार कार्ड से लिंक होने के बाद विभाग की पड़ताल में बड़ी संख्या में ऐसे लोगों के नाम भी सामने आए, जो ऑर्डिनरी राशन कार्ड के अलावा खाद्य सुरक्षा के राशन कार्ड के जरिए लाभ उठा रहे थे. प्रारंभिक जांच पड़ताल में 3546 लोगों के दो-दो राशन कार्ड पाए गए. वहीं, हैरान करने वाली बात ये भी है कि इनमें से 609 व्यक्ति सरकारी सेवा में रहते हुए वर्षों से 2 रुपये किलोग्राम के हिसाब से सरकार का गेहूं उठा रहे थे.

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लेकिन इस बारे में ना तो कभी डीलर ने बात आगे पहुंचाई और ना ही विभाग ने इस तरह की स्थिति को संभालने की जहमत उठाई. नतीजतन कई कर्मचारियों की ओर से 2016 से योजना का लाभ उठाया जा रहा था. हालांकि कुछ कर्मचारियों ने दबी जुबान में राशन डीलर की ओर से योजना का लाभ उठाए जाने की भी बात कही है. यह मामला सामने आने के बाद विभाग की ओर से दोहरे राशन कार्ड कॉल करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

वहीं, योजना का लाभ उठाने वाले सरकारी कर्मचारियों को गेहूं के 27 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से वसूली नोटिस जारी किए गए हैं. रसद विभाग के नोटिस देने के बाद से सरकारी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है. बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में ऐसे लोग वसूली राशि जमा कराने आ रहे हैं. रसद विभाग के अलावा संबंधित उपखंड अधिकारी कार्यालय पर भी राशि जमा कराने लोग पहुंच रहे हैं. जिला रसद अधिकारी ओम प्रकाश के अनुसार उठाए गए गेहूं के आधार पर वसूली जमा नहीं कराने पर उनके खिलाफ पीडी एक्ट के तहत कार्रवाई का विकल्प भी खुला रखा गया है.

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