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बांसवाड़ा में फिर पेंडिंग रह गए देसी शराब के ठेके, ठेकेदारों ने नहीं दिखाई रुचि

बांसवाड़ा में आबकारी विभाग के तमाम कोशिशों के बावजूद 6 से ज्यादा देसी शराब के ठेके पेंडिंग रहे गए हैं. बताया जा रहा है कि कोई भी ठेकेदार आगे नहीं आया. अब इन शराब ठेकों के लिए फिर से लॉटरी के अलावा विभाग के पास कोई विकल्प नहीं रहा.

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Published : Aug 17, 2020, 8:01 PM IST

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पेंडिंग रह गए देसी शराब के ठेके

बांसवाड़ा. आबकारी विभाग के तमाम प्रयासों के बावजूद जिले में 6 से ज्यादा देसी शराब के ठेके पेंडिंग रहे गए है. विभाग द्वारा कई बार ठेकेदारों से आवेदन आमंत्रित किए गए, लेकिन कोरोना के कारण उम्मीदें परवान नहीं चढ़ पाई. 6 से ज्यादा देसी शराब के समूह के लिए कोई भी ठेकेदार आगे नहीं आया. इनमें से 2 समूह ऐसे हैं, जिनके लिए आवेदन प्रक्रिया भी पूरी हो गई. लेकिन अंतिम समय में आवश्यक राशि जमा नहीं करा पाए. नतीजतन इन शराब ठेकों के लिए फिर से लॉटरी के अलावा विभाग के पास कोई विकल्प नहीं रहा.

पेंडिंग रह गए देसी शराब के ठेके

गत वित्तीय वर्ष के अंत में आबकारी विभाग द्वारा 10 अंग्रेजी और 28 देसी शराब समूह के लिए लॉटरी निकाली गई थी. आवश्यक दस्तावेज की कार्रवाई के साथ विभाग द्वारा जरूरी राशि जमा करने की प्रक्रिया निपटाई जा रही थी कि अचानक कोरोना कहर के चलते तमाम प्रक्रिया लॉकडाउन में फंस गई. अंग्रेजी शराब की दुकानों को छोड़कर ठेकेदार गिनी चुनी देसी ठेकों से किनारा कर गए. कुल 28 देसी समूह में से 13 समूह पेंडिंग रह गए. इससे विभाग के अधिकारी भी चिंता में आ गए और लक्ष्य पूर्ति के दिए गत दिनों तीसरी बार लॉटरी निकाली गई. इनमें से 2 को छोड़कर 11 के लिए ठेकेदारों ने रुचि दिखाई.

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बता दें कि 4 समूहों के लिए 1 से अधिक आवेदन आए है. वहीं 7 पर एक 1 ठेकेदार ने दावेदारी दिखाई. इससे अधिकारी भी खुश थे. लेकिन अंतिम समय तक इनमें से भी कई ठेकेदारों ने हाथ खींच लिया और 6 समूह फिर से पेंडिंग की प्रक्रिया में आ गए. जिला आबकारी अधिकारी धनेश कुमार खटीक के अनुसार लॉटरी के दौरान ठेकेदारों ने रुचि तो दिखाई. लेकिन आवेदकों में से 6 ने अंतिम समय में अपने हाथ खींच लिए. गौरतलब है कि बांसवाड़ा जिले में अंग्रेजी और देसी शराब की कुल 48 दुकानें हैं. जिनमें से 10 अंग्रेजी शराब के ठेके हैं. वहीं 28 समूह देसी शराब के हैं.

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