बांसवाड़ा.राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के आदिवासी किसानों का कृषि एवं जनजातीय स्वराज अभियान के अंतर्गत किसान सम्मेलन मंगलवार को निकटवर्ती कुपड़ा गांव में शुरू किया गया. इसके पहले दिन परंपरागत तरीके से नगाड़े के साथ जाने-माने गांधी विचारक कुमार प्रशांत ने इसकी प्रारम्भ होने की घोषणा की. इस दो दिवसीय सम्मेलन में काश्तकारों के साथ विषय विशेषज्ञों के सुझावों को सम्मिलित करते हुए मसौदा तैयार किया जाएगा, जिसकी बुधवार को घोषणा की जाएगी.
स्वयंसेवी संस्था वागधरा की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में करीब 5 हजार किसान भाग ले रहे हैं. इनमें अधिकांश महिला काश्तकार है. स्थानीय कलाकारों के नाच-गान के साथ किसानों को विषय विशेषज्ञ की ओर से खेती-बाड़ी के संबंध में आवश्यक जानकारी दी गई. पहले दिन अलग-अलग विषयों पर नरेंद्र नाथ, सूत्य साची दास, कृष्णा प्रसाद, गगन सेठी, गांधीवादी विचारक सवाई सिंह, राज्य बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. शैलेंद्र पंड्या, गांधी शांति प्रतिष्ठान नई दिल्ली के अध्यक्ष कुमार प्रशांत और कृषि विश्वविद्यालय परभणी महाराष्ट्र के पूर्व कुलपति डॉ. वेंकटेश्वरुलु सहित एक दर्जन से अधिक विशेषज्ञों की ओर से खेती-बाड़ी में स्थानीय फसलों की महत्ता के साथ स्थानीय बीज खेती-बाड़ी के तरीके को आधुनिक खेती से बेहतर बताया.