बांसवाड़ा.अखिल राजस्थान मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ के प्रदेश व्यापी आह्वान पर सोमवार से डाटा एंट्री ऑपरेटर हड़ताल पर चले गए. इससे चिकित्सा विभाग की ऑनलाइन चिकित्सा सेवाएं लड़खड़ा गईं हैं. ऑपरेटर्स ने अपनी मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी दिया.
बांसवाड़ा में डाटा एंट्री ऑपरेटर्स की हड़ताल संगठन के आह्वान पर कंप्यूटर ऑपरेटर पहले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय गए और वहां सीएमएचओ डॉक्टर एचएल ताबीआर के समक्ष अपनी मांगें रखीं. बाद में ऑपरेटर जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और यहां अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए कलेक्टर को मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
पढ़ें:प्रदेश में बढ़ रहे दलित अत्याचार पर बोले मुख्य सचेतक, कहा- इस प्रकार की घटना कोई भी सरकार नहीं रोक सकती
अपने ज्ञापन में संगठन द्वारा कहा गया, कि पिछले 7 साल से वो लोग विभाग की विभिन्न डाटा एंट्री और ऑनलाइन सर्विसेज के कार्य कर रहे हैं. लेकिन उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. आरोग्य ऑनलाइन में काम करने वालों को प्रतिमाह 16125 रुपये दिए जा रहे हैं, जबकि मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच में काम करने वाले ऑपरेटर्स को पिछले 4-5 साल से 8500 रुपये ही दिए जा रहे हैं. इससे उनके परिवार का पालन पोषण नहीं हो पा रहा है.
एक विभाग और एक ही काम के लिए सामान मानदेय की व्यवस्था की जानी चाहिए. ज्ञापन में कहा गया, कि सरकार ने चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में संविदा कर्मचारियों को नियमित करने का वायदा किया था, जिसे अबतक पूरा नहीं किया गया है. इसके विपरीत साल 2020- 21 के लिए संविदाकर्मियों के पदों के लिए स्वीकृति तक जारी नहीं की गई है. इससे उनके बेरोजगार होने का खतरा उत्पन्न हो गया है.
पढ़ें:स्पेशल: अब पशुओं को भी मिल सकेगा पोषक आहार, काजरी ने खारे पानी से तैयार किया 'चारा चुकंदर'
संगठन के जिला अध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने बताया, कि प्रदेश महासमिति द्वारा 5 प्रमुख मांगों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन का निर्णय किया है. इसके तहत धरना प्रदर्शन और विधानसभा के घेराव का भी प्रस्ताव है. उन्होंने कहा, कि उनकी अनिश्चितकालीन हड़ताल से सभी ऑनलाइन सर्विसेज ठप हो गई हैं.