बांसवाड़ा. हरिदेव जोशी राजकीय कन्या महाविद्यालय में छात्र संघ कार्यकारिणी का उद्घाटन गुरुवार को जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने किया. इस मौके पर उन्होंने महाविद्यालय में विकास कार्यों के लिए 30 लाख रुपए देने का जाने का आश्वासन दिया. वहीं कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्राओं के अलावा शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहें.
छात्र संघ कार्यकारिणी का उद्घाटन कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर सर्वजीत दुबे ने सबसे पहले कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की. जिसमें महाविद्यालय की विभिन्न समस्याओं की ओर अतिथियों का ध्यान आकर्षित किया गया. जिसके बाद अरविंद डामोर ने छात्राओं के संख्या के मुकाबले कक्षा कक्ष नहीं होने की समस्या उठाई. जिस मुख्य अतिथि बामनिया ने महाविद्यालय के विकास के लिए हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया. साथ ही जनजाति विभाग से 30 लाख रुपए दिए जाने का भरोसा दिलाया. मंत्री बामनिया ने सरकार की ओर से चलाई जा रही कई योजनाओं के बारे में भी जानकारी दी.
ये पढ़ेंः जयपुर : यूनेस्को टीम के सम्मान कार्यक्रम में घुसा आवारा कुत्ता, प्रशासन की लापरवाही से लगा साख को बट्टा
वहीं समारोह की अध्यक्षता करते हुए नगर परिषद के सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी ने अपने राजनीतिक सफर के बारे में बताया. साथ ही छात्राओं से आह्वान किया कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाते हुए हर फील्ड में अपना केरियर बनाएं और शहर का नाम रोशन करें. विशेष अतिथि विकेश मेहता ने भी शिक्षा क्षेत्र में सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया.
ये पढ़ेंःजयपुरः सचिवालय कर्मचारियों को ARD ACS की फटकार, सीट पर नहीं बैठने पर होगी कार्रवाई
प्राचार्य दुबे ने बताया कि मंत्री बामनिया ने समारोह के दौरान महाविद्यालय के विभिन्न विकास कार्यों के लिए 30 लाख रूपए दिए जाने का आश्वासन दिया. वहीं छात्र संघ कार्यकारिणी के उद्घाटन के बाद मंत्री बामणिया और नगर परिषद सभापति ने छात्रसंघ अध्यक्ष रेणुका डामोर, उपाध्यक्ष निशी कलाल, महासचिव सोफिया डोडियार, संयुक्त महासचिव सुषमा कुमारी आदि कार्यकारिणी को बैज लगाकर आगे बढ़ने का आह्वान किया.
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पार्षद नटवर तेली, राकेश सेठिया, चंदा डामोर के साथ मनीष देव जोशी, मनोहर खड़िया, नवनिर्वाचित सरपंच अशोक डामोर, प्रकाश बामनिया, तपन मेघावत आदि भी मंचासीन रहें. वहीं समारोह का संचालन रतनपाल डोडिया ने किया.