बांसवाड़ा. शहर के संस्थापक माने जाने वाले बासिया भील को उनकी असल पहचान मिलने जा रही है. अगले महीने शहर में बासिया भील की विशाल प्रतिमा का अनावरण किया जाने वाला है. करीब 4 टन से अधिक वजन की यह प्रतिमा फिलहाल प्लेटफॉर्म पर स्थापित कर दी गई है.
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इस शहर की स्थापना का श्रेय आदिवासी भील राजा बासिया भील को दिया जाता है. कहा जाता है कि बासिया भील द्वारा इस शहर की आधारशिला रखी गई. आदिवासी संगठनों द्वारा लंबे समय से फूल की प्रतिमा स्थापित करने की मांग की जा रही थी. जिसे भूतपूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने शासनकाल के अंतिम चरण में स्वीकृति दी.
70 लाख का है यह प्रोजेक्ट
सरकार द्वारा विशालकाय प्रतिमा स्थापना के इस महती प्रोजेक्ट के लिए करीब 70 लाख की राशि मंजूर की गई. लेकिन जमीन के अभाव में काफी समय तक काम शुरू नहीं हो पाया. अंततः नगर परिषद द्वारा अपने भवन के बाहर ही कुशल बाग से सटी जमीन को इसके लिए उपयुक्त मानते हुए निर्माण कार्य फिर से शुरू करवाया गया है.
न्यायालय में ले जाया गया था मामला
शहर के निवासी नरेश तलवार ने मूर्ति की स्थापना सड़क पर किए जाने का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट से शिकायत की थी. जिसके चलते न्यायालय ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया था. इस वजह से मूर्ति स्थापना का काम रोक दिया गया था. करीब 2 माह पहले न्यायालय द्वारा नगर परिषद को इस मामले में राहत दी गई. इसके साथ ही मूर्ति का निर्माण कार्य फिर से शुरू हो कर दिया.
अंतिम चरण में पहुंचा मूर्ति निर्माण कार्य
यह कार्य दो हिस्सों में पूरा किया जा रहा है. करीब 40 लाख रुपए मूर्ति स्थापना के लिए रखे गए. वहीं शेष राशि प्लेटफॉर्म निर्माण के लिए तय की गई. मूर्ति स्थापना का कार्य लगभग अंतिम चरण में पहुंच गया है. करीब 4300 किलो ग्राम वजनी मूर्ति को प्लेटफॉर्म पर स्थापित कर दिया गया है. यह प्रतिमा शहर में अब तक की सबसे बड़ी प्रतिमा मनी जा रही है. वहीं प्लेटफॉर्म निर्माण के साथ मूर्ति के दोनों ओर फव्वारा सिस्टम भी लगाया जाना है.
नगर परिषद के अनुसार शहरवासियों के लिए यह स्टेचू आकर्षण का केंद्र रहेगा. इसे एक पिकनिक स्पॉट की तरह डेवेलप किया जा रहा है. नगर परिषद के आयुक्त प्रभु लाल भाबोर के अनुसार मूर्ति स्थापना का कार्य पूरा हो चुका है. वहीं प्लेटफॉर्म निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है. उन्होंने बताया है कि कारीगर बाहर से बुलाए गए थे. जो अभी किसी काम से बाहर गए हुए है. कारीगरों के लौटने के साथ ही शेष कार्य पूरा कराया जाएगा.