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बाल अपराध की रोकथाम के लिए चलाया जाएगा समग्र शिक्षा अभियान, PMO से जारी हुए निर्देश - Child crime awareness

बांसवाड़ा जिले में बाल अपराध के प्रति जागरूकता लाने के लिए किशोर न्याय बोर्ड की ओर से समग्र शिक्षा अभियान चलाया जाएगा. जिसके तहत जिले के सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में यह अभियान चलाया जाएगा. न्याय बोर्ड के सदस्य की ओर से जनजाति क्षेत्र में अशिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण बच्चों में बढ़ते आपराधिक मामलों को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था. जिस पर पीएमओ ने प्रतिक्रिया देते हुए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं.

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बाल अपराध के प्रति जागरूकता के लिए अभियान

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Published : Nov 4, 2020, 6:23 PM IST

बांसवाड़ा.अशिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण हर साल जनजाति जिले बांसवाड़ा-डूंगरपुर सहित प्रदेश के हजारों बच्चे अपराध की काली दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं. जिसके कारण उनका भविष्य दांव पर है, बच्चों में बढ़ती अपराधिक प्रवत्ति की रोकथाम और इससे होने वाले नुकसान के प्रति बच्चों में जागरूकता पैदा करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से योजना तैयार की गई है. समग्र शिक्षा अभियान के तहत बाल अपराधों में कमी लाने के लिए सभी सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में जागरूकता अभियान का आगाज किया जाएगा.

बाल अपराध के प्रति जागरूकता के लिए अभियान

प्रधानमंत्री को भेजा गया था सुझाव

विभाग की ओर से किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य सुभाष मेहता ने जनजाति क्षेत्र में अशिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण बच्चों में बढ़ते आपराधिक मामलों की गंभीरता को लेकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था. जिस पर प्रधानमंत्री कार्यालय ने जिला प्रशासन को इस बारे में कार्ययोजना तैयार कर जागरूकता अभियान चलाने के लिए निर्देशित किया गया है.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से पत्र प्राप्ति के बाद शिक्षा विभाग हरकत में आया और उसने मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी और सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों के संस्था प्रधानों को निर्देशित किया है कि विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए संचालित जागरूकता कार्यक्रम और विद्यालय गतिविधियों में बाल अपराधों में कमी लाने के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण के विकास के लिए आवश्यक प्रयास करावें. साथ ही विद्यालय के दैनिक एवं साप्ताहिक गतिविधियों में बाल अपराध में कमी लाने संबंधित संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किए जाने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश में गत दो वर्षों में ही विभिन्न जिलों में 7 हजार 515 मुकदमें दर्ज हुए हैं.

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किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य सुभाष मेहता ने बताया कि जनजाति जिले बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर में अशिक्षा और अज्ञानता के कारण हर साल सैकड़ों बच्चे आपराधिक घटनाओं में लिप्त हो जाते हैं जिसका बुरा प्रभाव उनके भविष्य पर होता है इसको रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने के लिए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया था जिसके बाद शिक्षा विभाग ने अभियान चलाने की कार्ययोजना तैयार की है.

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