बांसवाड़ा. भीषण गर्मी के इस दौर में इंसान ही नहीं, हर जीव पानी को लेकर हलकान है. खासकर जंगलों में वन्यजीवों को अपने हलक तर करने के लिए पानी की सबसे ज्यादा आवश्यकता पड़ रही है. जिसके चलते वे कई बार पानी की तलाश में दूर-दराज तक निकल जाते हैं. कई बार तो रास्ता भी भटक जाते हैं. इस समस्या को देखते हुए वन विभाग की ओर से कुछ स्थानों पर पानी की व्यवस्था की जा रही है. इसके पीछे विभाग की मंशा वन्य जीवों को अपने आसपास ही पानी उपलब्ध कराना है.
वन विभाग की ओर से करीब 3 दर्जन स्थानों पर पानी की व्यवस्था की जा रही है, ताकि जानवरों कि प्यास बुझाई जा सके. जिले में वन विभाग आठ खंडों में विभक्त है और सभी खंडों में अलग-अलग किस्म के वन्य जीव चिन्हित हैं. बांसवाड़ा, घाटोल और बागीदौरा वन क्षेत्र में पैंथर की आवाजाही आम है. यहां आए दिन मवेशियों के शिकार की घटनाएं भी सामने आती रहती हैं. इसी प्रकार लोमड़ी, नीलगाय, बंदर, मोर आदि कई प्रकार के वन्यजीवों के होने के भी संकेत मिलते आए हैं.
बारिश और सर्दी में यह वन्यजीव जंगल में उपलब्ध जल स्त्रोतों से अपनी प्यास बुझा लेते हैं, लेकिन गर्मी के मौसम में पेयजल स्रोत सूखने लगते हैं. इन परिस्थितियों में वन्यजीवों के समक्ष अपने हलक तर करने का संकट खड़ा हो जाता है. पानी की तलाश में वन्य जीव अपना स्थान छोड़कर दूर-दराज तक पहुंच जाते हैं. इस प्रयास में वन जीव कई बार दुर्घटनाओं का शिकार भी हो जाते हैं.