बांसवाड़ा. वागड़ अंचल के एकमात्र गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के लिए सोमवार का दिन स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा. विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह कुलाधिपति कलराज मिश्र के मुख्य आतिथ्य में हुआ. राज्यपाल ने सर्वोच्च अंक प्राप्त 24 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया. इस दौरान कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी और इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर नागेश्वर राव भी मंचासीन रहे.
राज्यपाल मिश्र विशेष वायुयान से तलवाड़ा हवाई पट्टी पर उतरे जहां जिला कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा, जिला पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत के अलावा प्रमुख जनप्रतिनिधियों की ओर से उनकी अगवानी की गई. वहां से राज्यपाल मिश्र सीधे सड़क मार्ग द्वारा आयोजन स्थल जिला खेल स्टेडियम पहुंचे. यहां स्वागत सत्कार के बाद कुलपति प्रोफेसर सोडाणी ने विश्वविद्यालय की अब तक की यात्रा के वृत्तांत को कुलाधिपति के समक्ष पेश किया. वही इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर राव ने दीक्षांत समारोह उद्बोधन दिया.
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राज्यपाल ने उद्बोधन के दौरान सबसे पहले उन्होंने संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों का वाचन किया और समारोह में मौजूद लोगों से भी उच्चारण करने का आह्वान किया. बाद में इसका मंतव्य स्पष्ट करते हुए राज्यपाल ने कहा कि संविधान हमारा मार्गदर्शक है. हम फंडामेंटल राइट्स की बात करते हैं लेकिन पढ़े लिखे लोगों को भी फंडामेंटल ड्यूटीज के बारे में पता नहीं है. इसलिए हमने तय किया है कि हर एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्य का वाचन हो.