बांसवाड़ा.जिले में गेहूं खरीद केंद्रों की एक खामी के चलते पिछले 3 दिन से यहां वीरानी छाई हुई है. बारदाना खत्म होने के अलावा किसानों को समय पर उनकी उपज का भुगतान नहीं मिल पा रहा है. गेहूं खरीदारी के करीब 20 से 25 दिन बाद भुगतान हो रहा है. कुछ काश्तकारों को एक-एक माह बाद भुगतान मिल पाया है. जबकि अन्य खरीद केंद्रों पर 24 घंटे के भीतर भुगतान किया जा रहा है. इसके चलते जिला मुख्यालय पर संचालित खरीद केंद्र से किसानों का मोहभंग हो गया है. किसान बांसवाड़ा के बजाए गांव में जाकर खरीद केंद्रों पर अपनी उपज बेच रहे हैं.
Etv Bharat की टीम ठीकरिया स्थित कृषि उपज मंडी में संचालित खरीद केंद्र पर पहुंची तो वहां के हालात देखकर दंग रह गई. यहां गेहूं तुलाई के लिए एक कर्मचारी बैठा था. जब पता किया तो सामने आया कि पिछले 3 दिन से यहां कोई भी किसान अपने जींस लेकर नहीं पहुंचा. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की वेटिंग लिस्ट में 5 से 6 काश्तकारों के नाम थे. हालांकि खरीद केंद्र से उन काश्तकारों को फोन भी किया गया, लेकिन उन लोगों ने गेहूं लाने से इनकार कर दिया.
यह भी पढ़ेंःजयपुरः लॉकडाउन के दौरान बढ़ी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद, किसानों को मिली राहत
टीम जब मामले की तह में गई तो एक और चौंकाने वाली बात सामने आई. हालांकि बांसवाड़ा, छींच और बागीदौरा में पिछले कुछ दिनों से बारदाना खत्म हो गया है. लेकिन बांसवाड़ा में राजफेड द्वारा संचालित खरीद केंद्र द्वारा किसानों को बीस पच्चीस दिनों तक भुगतान नहीं किया जा रहा है. कई काश्तकारों को एक महीने बाद उनकी उपज का भुगतान मिल पाया. जबकि भारतीय खाद्य निगम द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित अन्य केंद्रों पर गेहूं तुलाई के 24 घंटे के भीतर कीमत अदा की जा रही है.