राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

गुजरात बॉर्डर पर पहुंचा ईटीवी भारत, देखा चुनावी उत्साह का नजारा - ईटीवी भारत

बांसवाड़ा में पंचायती राज चुनाव के पहले चरण का मतदान समाप्त हो गया. इसके साथ ही लोगों में चुनाव को लेकर कितना उत्साह था ये जानने के लिए ईटीवी भारत गुजरात बॉर्डर पर पहुंचा और लोगों से बातचीत भी की.

बांसवाड़ा की खबर, Panchayati Raj Election
गुजरात बॉर्डर पर ईटीवी भारत ने की लोगों से बातचीत

By

Published : Jan 17, 2020, 6:17 PM IST

बांसवाड़ा.जिले में पंचायती राज चुनाव के पहले चरण में आनंदपुरी पंचायत समिति क्षेत्र में आने वाली ग्राम पंचायतों के चुनाव हो रहे हैं. पहले चरण के मतदान को लेकर मतदाताओं में कितना उत्साह था इसे जानने के लिए ईटीवी भारत गुजरात बॉर्डर पर पहुंचा.

आनंदपुरी इलाका गुजरात के संतरामपुर जिले से सटा है और आदिवासियों के प्रमुख तीर्थ स्थल मानगढ़ धाम के दूसरे छोर पर स्थित है. गुजरात सीमा से मुश्किल से 2 किलोमीटर दूर पड़ने वाले आमलिया ग्राम पंचायत मुख्यालय जोकि काफी दुर्गम इलाका है. ईटीवी भारत वहां पहुंचा और मतदाताओं के मन को टटोलने का प्रयास किया लेकिन, यहां का मतदाता भी काफी समझदार नजर आया.

पढ़ें- पंचायत चुनाव: बांसवाड़ा में मतदान को लेकर वोटरों में दिखा उत्साह

बता दें कि लोग यहां मतदान तो करने आए थे लेकिन लोगों ने किस प्रत्याशी के सर पर जीत का सेहरा बांधा है इस पर सब चुप्पी साधे हैं. संतरामपुर जिला मुख्यालय से सटे होने के कारण यहां के लोग अपेक्षाकृत शिक्षित और जागरूक भी नजर आए. कई पढ़े-लिखे युवा कैंपेनिंग करते दिखे तो पंचायत को लेकर उनके मन में क्या सपने हैं खुलकर बताया लेकिन किस प्रत्याशी के प्रति उनका सपोर्ट रहा इसका जिक्र तक नहीं किया.

गुजरात बॉर्डर पर ईटीवी भारत ने की लोगों से बातचीत

यहां पर पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं की कतार अपेक्षाकृत अधिक लंबी देखने को मिली. यहां महिलाएं अपने हाथों में फोटो, पहचान पत्र के साथ पर्चियां लिए हुए खड़ी थी. शुक्रवार को यहां पर मेले जैसा नजारा लग रहा था क्योंकि ग्राम पंचायत के मुखिया पर मुहर लगानी थी.

पढ़ें- कुशलगढ़ के 51 ग्राम पंचायतों में मतदान जारी, सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता

ऐसे में यहां से संतरामपुर मजदूरी और धंधे के हिसाब से जाने वाले लोग भी गांव में ही जमे रहे और अपने अपने प्रत्याशियों के समर्थन में कैंपेनिंग करते रहे. दोपहर 12 बजे तक 25% मतदान हो पाया था. इसका कारण यह बताया गया कि सरपंच के चुनाव ईवीएम से हो रहे हैं जबकि वार्ड पंच के लिए बैलट पेपर दिए जा रहे थे. ऐसे में हर मतदाता को दो-दो बार प्रक्रिया समझा नहीं पड़ रही थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details