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आचार संहिता के चलते CM नहीं कर पाए शिलान्यास और लोकार्पण, जनसभा में जताया खेद

पंचायती राज चुनाव के तारीखों के ऐलान के साथ ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो गई. ऐसे में बागी दौरा और कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में होने वाले एनीकट के शिलान्यास और आईटीआई भवन के लोकार्पण कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने निरस्त कर दिया. सीएम ने सिर्फ जनसभा को संबोधित किया और कहा कि इसके लिए उन्हें खेद है. लेकिन चुनाव आचार संहिता समाप्त होने के बाद सबसे पहले उनका यहां का प्रोग्राम रहेगा.

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Published : Dec 26, 2019, 9:41 PM IST

सीएम अशोक गहलोत, CM Ashok Gehlot
सीएम अशोक गहलोत

बांसवाड़ा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथ से जिले के बागी दौरा और कुशलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में होने वाले एनीकट के शिलान्यास और आईटीआई भवन के लोकार्पण कार्यक्रम ऐन वक्त पर फिसल गए. मुख्यमंत्री गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सी पी जोशी इन दोनों ही कार्यक्रमों के लिए शाम करीब 4:00 बजे पहुंचे. लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही चुनाव आयोग ने पंचायती राज चुनाव के लिए आचार संहिता लागू कर दी.

सीएम ने निरस्त किया शिलान्यास और लोकार्पण कार्यक्रम

ऐसे में मुख्यमंत्री ने अपने स्तर पर दोनों कार्यक्रम निरस्त कर दिए और केवल जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने इसके लिए खेद व्यक्त करते हुए कहा कि चुनाव आचार संहिता के बाद सबसे पहले उनका यहां का प्रोग्राम रहेगा. वहीं जब मुख्यमंत्री डूंगरपुर के सीमलवाड़ा पहुंचे थे तभी आचार संहिता का एलान हो गया था. जिसके बाद झेर गांव में अनास नदी पर करीब 19 करोड़ 65 लाख की लागत से निर्मित होने वाले एनीकट और सज्जनगढ़ में नवनिर्मित आईटीआई भवन के शिलान्यास कार्यक्रम भी निरस्त कर दिया गया.

मुख्यमंत्री ने सीमलवाड़ा से ही पूर्व मंत्री और बागीदौरा विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीया को इस बारे में मैसेज कर दिया था. इन दोनों ही कार्यक्रमों के निरस्त होने से स्थानीय नेताओं में निराशा भी देखी गई. लेकिन शाम करीब 4:00 बजे जैसे ही मुख्यमंत्री और डॉक्टर जोशी हेलीकॉप्टर से पहुंचे तो हजारों की संख्या में लोगों को देखकर उनके चेहरे चमक उठे. यहां पंडाल से कहीं अधिक लोग आसपास की पहाड़ियों पर जमे थे, जो कि मुख्यमंत्री के आगमन में करीब डेढ़ घंटा की देरी के बावजूद डटे रहे.

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अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने इस प्यार के प्रति लोगों का धन्यवाद जताते हुए कहा कि चाहे मैं इस क्षेत्र में ज्यादा आऊं या नहीं आऊं आपका ही रहूंगा. तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने क्षेत्र की रेलवे परियोजना, बिजलीघर परियोजना के आगे नहीं बढ़ने का कारण पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को बताया.

साथ ही कहा कि हम ऑनलाइन वर्क को ज्यादा मजबूती देंगे. लोन माफी में डूंगरपुर के लोगों ने लाखों रुपए फर्जी तरीके से उठा लिए थे. ऑनलाइन से ही इसका सच सामने आया. ऐसे में हम ऑनलाइन काम को ज्यादा महत्व देने जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इसके लिए क्षेत्र के युवाओं से आह्वान किया कि वह शिक्षा के प्रति जागरुक हो. उन्होंने कहा कि इसके लिए जो भी जरूरत होगी मैं देने को तैयार हूं. लेकिन पहले आपको अपने पैरों पर खड़ा होना होगा, तभी सरकार मदद कर सकेगी.

हालांकि, उन्होंने बांसवाड़ा के लिए किसी विशेष योजना की घोषणा नहीं की. लेकिन प्रदेश में निरोगी राजस्थान के रूप में बड़ी योजना लाए जाने का ऐलान करते हुए कहा कि इसके तहत बच्चे बुजुर्गों, युवाओं और महिलाओं को क्या-क्या तकलीफ है, किस प्रकार की बीमारी से परेशान हैं, उनका क्या खान-पान है. प्रदेशभर में एक बड़ा अभियान चलाकर बीमारी की मूल जड़ को पकड़ने का प्रयास किया जाएगा.

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उन्होंने कहा कि जगह-जगह बड़े-बड़े चिकित्सा कैंप लगाए जाएंगे. लेकिन इसके लिए जनता का सहयोग भी जरूरी है. 325 करोड़ रुपए के मेडिकल कॉलेज को बांसवाड़ा के लिए सौगात बताते हुए कहा कि फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स के लिए सरकार एक-एक करोड़ रुपए तक की सब्सिडी दे रही है. क्षेत्र के युवा इसका लाभ उठा सकते हैं.

इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. जोशी ने क्षेत्र के युवाओं को विकास का भरोसा दिलाते हुए कहा कि उन्हें शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी शिक्षा पर ध्यान देना होगा. स्थानीय विधायक महेंद्र जीत सिंह मालवीय और कुशलगढ़ विधायक रमिला खड़िया, जिला प्रमुख रेशम मालवीया सहित अन्य ने भी विचार रखे.

वहीं, इस दौरान प्रतापगढ़ विधायक रामलाल मीणा, पूर्व संसदीय सचिव नानालाल निनामा, पूर्व विधायक कांता गरासिया सहित पार्टी के कई जनप्रतिनिधि और पदाधिकारी मंच पर मौजूद रहे. साथ ही जनसभा में करीब 12 से 15 हजार लोग मौजूद रहे.

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