बांसवाड़ा. जनजातीय क्षेत्र के राजकीय महाविद्यालयों में आदिवासी छात्र-छात्राओं के लिए प्रवेश की एक नई मांग जोर पकड़ती दिख रही है. विद्यार्थी परिषद की तरफ से राजकीय सेवाओं की तर्ज पर कॉलेज प्रवेश में 45 फीसदी सीटें जनजातीय वर्ग के लिए आरक्षित करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया गया. राज्य सरकार पर जनजातीय वर्ग के हितों के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए एबीवीपी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ नारेबाजी की.
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जनजातीय क्षेत्रीय परियोजना क्षेत्र में आने वाले डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ में परिषद ने कॉलेजों में प्रवेश की मांग को लेकर आंदोलन की शुरुआत की. गोविंद गुरु राजकीय महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज के गेट पर एकत्र होकर प्रदर्शन किया. छात्रसंघ अध्यक्ष निनामा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में राजकीय सेवाओं के विभिन्न पदों पर सीधी भर्ती में 45 फीसदी रिक्तियां जनजाति और 5 फीसदी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रखी गई हैं, लेकिन राजकीय कॉलेजों में प्रवेश के प्रावधान में कोई बदलाव नहीं किए गए हैं.
एबीवीपी का कहना है कि राजकीय कॉलेजों में प्रवेश का खामियाजा क्षेत्र के आदिवासी छात्र-छात्राएं भुगत रहे हैं. परिषद शैक्षणिक संस्थानों की सीटों में भी 45 फीसदी सीटें जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित करने की मांग कर रही है. प्रदेश महामंत्री दिनेश राणा ने कहा कि टीएसपी क्षेत्र में एससी और एसटी के बच्चों के लिए टीएसपी प्रावधानों के अनुरूप पद आरक्षित रखकर अन्य सीटों पर मेरिट के अनुसार प्रवेश की प्रक्रिया अपनाई जाए.