बांसवाड़ा.जब से प्रवासी श्रमिकों का जिले में आगमन हुआ है तब से एक के बाद एक कोरोना के नए मरीज सामने आ रहे हैं. खासकर पिछले1 सप्ताह में शहर के साथ गांवों में भी कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. हालांकि, सबसे पहले कुशलगढ़ कस्बे में एकाएक कोरोना संक्रमण बढ़ा और आंकड़ा 5 दर्जन से अधिक पहुंच गया. लेकिन राहत की बात यह है कि प्रशासन ने इसे कंट्रोल कर लिया. वहीं संक्रमितों में से 80 फीसदी रोगी स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं.
लेकिन, जबसे प्रवासियों के आने का क्रम शुरू हुआ है आंकड़ा गिरने की बजाए लगातार बढ़ रहा है. इसमें प्रशासनिक लापरवाही भी नजर आ रही है. क्योंकि बाहर से आने वाले संदिग्ध मरीजों को इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन किए जाने का प्रावधान है. लेकिन, अधिकांश प्रवासियों को केवल होम क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. जिस प्रकार से मरीजों का आंकड़ा सामने आ रहा है उससे लगता है की होम क्वॉरेंटाइन रोगियों पर प्रशासन अपनी नजर नहीं रख पा रहा है. इसका अंदाजा बांसवाड़ा शहर में मुंबई से पहुंची एक महिला की कांटेक्ट लिस्ट से लगाया जा सकता है.
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दरअसल यह महिला जब से शहर में आई, क्वॉरेंटाइन किए जाने के बावजूद भी केवल लोगों से मिलती-जुलती रही. अब तक इस महिला के जरिए करीब 6 से अधिक लोग संक्रमण का शिकार हो चुके हैं.
अन्य राज्यों से आए 23 हजार लोग
आंकड़े बताते हैं कि बांसवाड़ा जिले में प्रशासनिक स्तर पर अब तक करीब 23 हजार प्रवासी पहुंच चुके हैं. इनके आने का क्रम अब भी लगातार बना हुआ है.